झाबुआ ।  झाबुआ जिले में लगातार सड़क हादसे बढ़ रहे हैं। पिछले तीन माह की ही बात करें तो 233 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं और इनमें 52 लोगों की मौत हो चुकी है। एक तथ्य यह भी सामने आया है कि जनवरी से जून के बीच अधिक दुर्घटनाएं होती हैं, क्योंकि इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में वैवाहिक कार्यक्रमों की अधिकता रहती है। इन आयोजनों में लोग जमकर नशा करते हैं और इस दौरान वे वाहन चलाने के कारण अपना नियंत्रण खो देते हैं। दुर्घटनाओं का बड़ा कारण ओवरलोडिंग वाहन भी हैं। इन दिनों सड़क पर ओवर लोड वाहन आते-जाते आसानी से दिखाई देते हैं।

लोडिंग वाहन में जाती है बारात

क्षेत्र के गांव में इन दिनों करीब-करीब हर फलिये में वैवाहिक कार्यक्रम हो रहे हैं। इन कार्यक्रमों के दौरान जमकर नृत्य-गान देखने को मिल रहा है। प्रतिदिन झाबुआ में डीजे पर बड़ी संख्या में बरातें भी निकल रही हैं। इनका निकलने का सिलसिला दोपहर के समय अधिक होता है। कोई जीप से तो कोई बसों के माध्यम से बरातें लेकर विवाह करने जा रहा है। कई लोग तो आयशर वाहनों से भी बरातें लेकर जाते हैं।

नशा बड़ा कारण

वैवाहिक कार्यक्रमों के दौरान जमकर नशा किया जाता है। शराब के अलावा इन दिनों जिले में ताड़ी की आवक भी जमकर हो रही है। लोग वैवाहिक कार्यक्रम में पहुंचकर नशा करते हैं। नशा अधिक होने के दौरान वे अपने वाहनों से वापस घर आते हैं। इस दौरान रास्ते में कई बार वे अपने वाहन से नियत्रंण खो बैठते हैं, जिससे दुर्घटना हो जाती है। साल दर साल दुर्घटना के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। पुलिस कई बार कार्रवाई भी करती है, लेकिन कार्रवाई का असर अधिक दिन नहीं रहता।

जनवरी से जून माह तक का हाल
वर्ष - दुर्घटनाएं - घायल - मौत

2019 - 398 - 502 - 76

2020 - 309 - 430 - 66

2021 - 389 - 447 - 106

2022 - 505 - 576 - 121

2023 - 233 - 301 - 52

31 मार्च तक

आंकड़े यातायात विभाग के अनुसार

जनवरी से जून तक वैवाहिक आयोजनों की भरमार

झाबुआ क्षेत्र में जनवरी से जून तक सबसे अधिक वैवाहिक कार्यक्रम होते हैं। होली के बाद से वैवाहिक कार्यक्रमों की झड़ी लग जाती है। अक्षय तृतीया के बाद तो गांव-गांव व फलिये-फलिये में वैवाहिक कार्यक्रम होते हैं। जून माह में मानसून आते ही वैवाहिक कार्यक्रमों का सिलसिला थम जाता है। इन छह माह के दौरान ही अधिक दुर्घटनाएं होती है।

वाहन की छतों पर बैठा लेते हैं सवारी

क्षेत्र में वैवाहिक कार्यक्रम हो या अन्य कार्यक्रम, वाहन चालक क्षमता से अधिक सवारी वाहनों पर बैठा लेते हैं। वाहन के अंदर सवारी बैठाने के अलावा छतों पर भी सवारी बैठी नजर आती है। बरातों में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है। ओवरलोड वाहन दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं।

प्रतिदिन करते हैं कार्रवाई

यातायात प्रभारी एसएस मुजाल्दे का कहना है कि ओवरलोड वाहनों के खिलाफ प्रतिदिन कार्रवाई की जाती है। नशा करके वाहन चलाने वालों पर भी लगातार कार्रवाई की जा रही है।