मुंबई। शरद पवार के भतीजे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अजित पवार के बगावत करने और फिर शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल होने के बाद क्या मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नाराज हैं ? क्या पवार की बगावत से सीएम शिंदे की अहमियत कम हो गई है ? इसको लेकर कयासों का दौर चल रहा है. उधर मंत्री पद की शपथ लेने के बाद अजित पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है. अजित पवार ने साफ किया कि हमने एनसीपी के तौर पर सरकार में हिस्सा लिया है और अगला चुनाव भी हम एनसीपी के तौर पर लड़ेंगे. अजित पवार ने कहा है कि पूरी पार्टी और सभी विधायक-सांसद उनके साथ हैं. अजित पवार द्वारा सरकार को दिए गए समर्थन से राज्य में सरकार मजबूत और स्थिर हो गई है. बहरहाल दिलचस्प बात यह है कि हाल ही में शिवसेना उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने भविष्यवाणी की थी कि महाराष्ट्र को नया मुख्यमंत्री मिलेगा। बताया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे इसी बात से नाराज हैं. लेकिन एकनाथ शिंदे ने अजित पवार का स्वागत किया है. इसलिए ऐसा नहीं लगता कि वे परेशान हैं. अजित पवार ने आज मंत्री पद की शपथ ले ली है और वह उपमुख्यमंत्री के तौर पर राज्य की कमान संभालेंगे. दिलचस्प बात यह है कि अजित पवार ने शुक्रवार को ही विधानसभा में विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा दे दिया था। पिछले कई दिनों से इस बात की चर्चा चल रही थी कि अजित पवार बीजेपी में शामिल होंगे। अजित पवार के साथ दिग्गज नेता छगन भुजबल, हसन मुश्रीफ, दिलीप वलसे पाटिल, धनंजय मुंडे भी आए हैं और उन्होंने भी मंत्री पद की शपथ ली है. तो क्या ये बगावत शरद पवार की सहमति से हुई है? ऐसा भी सवाल उठ रहा है.