जम्मू । पुलिस ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी  की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को मृत पाए गए तीन लोगों के परिवारों से मिलने से रोक दिया। इन लोगों की मौत उस बक्त हो गयी थी जब सेना इन्हें पूछताछ के लिए ले जा रही थी। 
पुंछ के सुरनकोट इलाके में 21 दिसंबर को आतंकवादियों के सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर किए गए हमले में चार सैनिक मारे गए थे और तीन अन्य घायल हो गएथे। मामले में सेना तीन नागरिकों सफीर हुसैन (43), मोहम्मद शौकत (27) और शब्बीर अहमद (32) को बाद में पूछताछ के लिए ले गई थी, जो अगले दिन मृत मिले थे।
पीडीपी नेताओं ने कहा कि मुफ्ती को पार्टी के अन्य सहयोगियों के साथ बफलियाज के पास डेरा की गली में पुलिस ने रोक लिया और उन्हें पीड़ितों के परिवारों से मिलने के लिए टोपा पीर गांव की ओर जाने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने बताया कि पीडीपी प्रमुख ने धरना दिया और मांग की कि उन्हें गांव का दौरा करने की अनुमति दी जाए। हाल में बीजेपी अध्यक्ष रवींदर रैना को पीड़ित परिवारों से मिलने की अनुमति देने के मद्देनजर महबूबा ने उन्हें वहां जाने से रोकने के फैसले पर सवाल उठाया है।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पिछले हफ्ते मृत नागरिकों के परिवारों को मुआवजा और नौकरी देने की घोषणा की थी और कहा था कि चिकित्सा-कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं और इस मामले में उचित प्राधिकारी द्वारा कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।