हरदा ।  हरदा की पटाखा फैक्टरी में हुए विस्फोट में घायल एक बच्चे की उपचार के दौरान शुक्रवार को मौत हो गई। वह भोपाल के अस्पताल में भर्ती था। आठ साल का बालक फैक्टरी के पास ही रहता था। हादसे के बाद उसे भोपाल के एम्स में रेफर किया गया था। इस बीच, चार लापता लोगों के परिजन शुक्रवार को खरगोन से हरदा पहुंचे। उन्होंने कहा कि लापता चारों लोग फैक्टरी में काम करते थे। बता दें कि फैक्टरी हादसे के पहले दिन 11 शव मिले थे, हादसे के दूसरे दिन एक मकान में महिला का शव मिला था। इसके साथ ही अब तक 13 मौतें हो चुकी हैं। इनमें से दो मृतकों की शिनाख्त नहीं हो पाई है। उनके डीएनए सैंपल भी लिए गए हैं।

183 लोग हुए थे घायल, 37 की हालत गंभीर

हादसे में कुल 183 लोग घायल हुए हैं। फैक्टरी के बाद हुए धमाके के समय पत्थर लोगों पर बरसे थे। पहले धमाके के बाद लोग फैक्टरीके सामने जमा हो गए थे और सड़क से गुजर रहे थे। उन्हें तेजी से पत्थर लगे और वे बड़ी संख्या में घायल हो गए। घायलों में 37 की स्थिति गंभीर है। उन्हें इंदौर और भोपाल के अस्पतालों में रैफर किया गया है। इंदौर के एमवाय अस्पताल में सात घायल भर्ती हैं।

माता-पिता की मौत, तीन बेटियां अनाथ

फैक्टरी के पास रहने वाले एक परिवार के दो प्रमुख सदस्यों की मौत इस भयावह हादसे में हो गई। इससे तीनों बेटियां अनाथ हो गईं। माता-पिता को बड़े पत्थर आकर लगे और उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। प्रशासन ने मृतकों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी है।

चार लापता श्रमिकों के परिजन पहुंचे हरदा

हरदा फैक्टरी हादसे के बाद से चार श्रमिक लापता बताए गए हैं। मलबे में से बचाव दल को कोई शव नहीं मिला। खरगोन से दो परिवारों के लोग हरदा पहुंचे। उनका कहना है कि उनके परिजन फैक्टरी में काम करते हैं, लेकिन हादसे के बाद से उनकी कोई खबर नहीं है। उनके मोबाइल भी बंद आ रहे हैं। अफसरों ने उन्हें समझाकर वापस खरगोन लौटा दिया। उन्हें कहा गया है कि जैसे ही जानकारी मिलेगी, उन्हें खबर कर दी जाएगी।