नई दिल्ली।  केंद्र की मोदी सरकार ने शुक्रवार को एक बार फिर से भारत रत्न का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और हरित क्रांति के जन्मदाता एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का ऐलान किया। केंद्र सरकार ने इस साल अब तक 5 लोगों को भारत रत्न देने का ऐलान किया है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा ने जो 400 पार का नारा दिया है उसको साधने के लिए चुनावी साल में भारत रत्न दिए जाने का नया रिकॉर्ड बन गया है। केंद्र की मोदी सरकार ने 17 दिन के भीतर पांच शख्सियतों को भारत रत्न दिए जाने का ऐलान किया है। दरअसल, पीएम मोदी ने जाट, किसान और दक्षिण भारत पर फोकस करते हुए भारत रत्न सम्मानों की घोषणा की है।
शुक्रवार को एक दिन में तीन भारत रत्न की घोषणा किए जाने से चुनावी माहौल में चर्चाएं भी तेज हो गईं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 जनवरी को बिहार के पूर्व सीएम और जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने का ऐलान किया था। ये ऐलान कर्पूरी ठाकुर की जयंती से ठीक एक दिन पहले किया था। उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 3 फरवरी को पूर्व उपप्रधानमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा की। चुनावी साल में पांचों भारत रत्न के सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं।
भाजपा लगातार मास्टर स्ट्रोक खेल रही
राम मंदिर उद्घाटन के बाद से ही भाजपा लगातार मास्टर स्ट्रोक खेल रही है और विपक्षी खेमे को नैरेटिव की लड़ाई में हराने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। इन प्रयासों में काफी हद तक सफल भी दिख रही है। भाजपा जानती है कि नैरेटिव की लड़ाई जीतना भी उतना ही जरूरी है, जितना चुनावी मैदान में विपक्ष को हराना। मोदी और राम मंदिर की लहर तो चल ही रही है, लेकिन सीटों का टारगेट छूकर नए रिकॉर्ड बनाना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। यही वजह है कि भाजपा 2019 में जिन सीटों पर कम वोटों के अंतर से चुनाव हारी थी, वहां दो साल से फोकस कर रही है। जिन राज्यों में खुद को कमजोर पाती है, वहां क्षेत्रीय दलों से हाथ मिलाने में पीछे नहीं हट रही है। बिहार में पूर्व सीएम दिवंगत कर्पूरी ठाकुर को को मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा करके इंडिया ब्लॉक में भी तोडफ़ोड़ कर दी है और इस विपक्षी गठबंधन के सूत्रधार जदयू प्रमुख नीतीश कुमार को वापस अपने पाले में कर लिया। वहीं लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देकर मोदी सरकार ने अपने संगठन को भी मैसेज दिया और यह बताया कि भाजपा में हर किसी के सम्मान का ख्याल रखा जाता है। आडवाणी से पहले अटल बिहारी वाजपेयी को भी भारत रत्न दिया गया था।
स्वामीनाथन के सहारे किसानों पर टारगेट
महान वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को भी मोदी सरकार ने भारत रत्न देने का ऐलान कर किसानों को साधने का प्रयास किया है। स्वामीनाथन को देश में हरित क्रांति लाने का जनक माना जाता है। स्वामीनाथन ने धान की ज्यादा उपज देने वाली किस्में विकसित कीं। इससे कम आय वाले किसानों के घर खुशियां आ गईं और ज्यादा पैदावार करने का एक जरिया मिल गया। देश में वही हरित क्रंति थी। उसके बाद देश के किसानों ने कभी पीछे मुडक़र नहीं देखा। अब सरकार ने उन्हें भारत रत्न देकर किसानों और दक्षिण भारत में अपनी पैठ मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
राव से साधा दक्षिण भारत
पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भी भारत रत्न दिए जाने की घोषणा की गई है। पीएम मोदी ने नरसिम्हा राव को देश की समृद्धि और विकास के लिए एक ठोस नींव रखने वाला नेता बताया है। राजनीतिक लिहाज से देखें तो पीवी नरसिम्हा राव का जन्म आंध्र प्रदेश में हुआ और पढ़ाई तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में हुई। दोनों राज्यों की राजनीति में प्रभावशाली भी बने रहे। नरसिम्हा राव के जरिए भाजपा ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में वोटर्स को साधने के लिए बड़ा दांव खेला है। क्योंकि आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी का दबदबा है। इस बार चुनाव में एनडीए का खाता भी नहीं खुलने का अनुमान लगाया जा रहा है। आम चुनाव में भाजपा अकेले मैदान में उतर रही है।
चौधरी के सहारे जाटों पर नजर
एक और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भी भारत रत्न दिए जाने का ऐलान कर सरकार ने पश्चिमी यूपी में जाट और किसानों को साधने की कोशिश की है। चौधरी चरण सिंह की विरासत को पहले उनके बेटे चौधरी अजित सिंह ने आगे बढ़ाया। अब अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी सियासी विरासत को आगे ले जा रहे हैं। आम चुनाव से पहले पश्चिमी यूपी में जाट, किसान और मुसलमानों को साधने की कवायद चल रही है। वैसे तो पिछले दो चुनावों में भाजपा जाटलैंड में छाई है। लेकिन वो इस बार क्लीन स्वीप के मूड में है और यही वजह है कि भाजपा ने जयंत की पार्टी आरएलडी को भी एनडीए में लाने के लिए हर शर्त पर मुहर लगा दी है। शुक्रवार को जब चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा हुई तो सबसे पहले जयंत चौधरी ने पीएम मोदी के पोस्ट को रीट्वीट किया और लिखा- दिल जीत लिया। उसके बाद अलायंस को लेकर कहा कि अब किस मुंह से मना कर सकते हैं। यानी भाजपा और आरएलडी का अलायंस फाइनल हो गया है।