सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को दिशा देने कॉन्क्लेव में जुटे दिग्गज

विश्व संवाद केंद्र का आयोजन, मध्यप्रदेश के 350 से अधिक इंफ्लुएंसर्स हुए शामिल
आर जे रौनक, प्रवीण चतुर्वेदी, नुपुर जे शर्मा, प्रियंक कानूनगो, हेमंत मुक्तिबोध सहित कई हस्तियों ने दिया मार्गदर्शन
ख़बरमंत्री न्यूज़ नेटवर्क
गुरुवार को राजधानी में जुटे मध्यप्रदेश के सैकड़ों सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों का मार्गदर्शन मिला। अवसर था विश्व संवाद केंद्र द्वारा आयोजित सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स मीट का। कार्यक्रम में आर जे रौनक, प्रवीण चतुर्वेदी, नुपुर जे शर्मा, प्रियंक कानूनगो, सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत मुक्तिबोध सहित अन्य कई दिग्गजों ने कंटेंट क्रिएशन, नैरेटिव की पहचान और इसे तोड़ने के उपाय, सोशल मीडिया में ए आई तकनीक के प्रयोग जैसे कई मुद्दों पर बारिकी से प्रकाश डाला। कार्यक्रम में रेडियो जॉकी आरजे रौनक, प्रियंक कानूनगो, प्रवीण चतुर्वेदी और नुपूर जे शर्मा ने सोशल मीडिया के बदलते परिवेश और बदलती भूमिका पर चर्चा करते हुए अपने अनुभव साझा किए। इस पैनल ने कंटेट क्रिएटर्स काे बताया कि यदि हम किसी कंटेट का क्रिएशन करते हैं और उस पर रीच न आए तो हताश और निराश न हों, बल्कि तथ्यात्मक कंटेट का निर्माण करते रहें।
केवल सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर नहीं, समाज के प्रेरक बनें : हेमंत मुक्तिबोध
हमें समाज को केवल प्रभावित नहीं बल्कि प्रेरित करना है। यह तभी संभव है जब हम ऐसे कंटेंट का निर्माण करें जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का कारण बने। यह बात विश्व संवाद केंद्र मध्यप्रदेश की ओर से आयोजित सोशल इन्फ्लुएंसर्स मीट में सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत मुक्तिबोध ने कही। उद्घाटन सत्र में श्री मुक्तिबोध ने कहा कि आज के समय में सूचना और संवाद के लिए सोशल मीडिया महत्वपूर्ण साधन है लेकिन इस साधन का उपयोग करते समय हमें ज्ञान और सूचना के साथ विवेक का उपयोग करना चाहिए। आज के समय में सोशल मीडिया छवि निर्माण और विध्वंश में महत्वपूर्ण साधन है।
कंटेंट क्रिएटर सकारात्मक परिवर्तन का कारण बने : नुपुर जे शर्मा
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में वेब की वरिष्ठ पत्रकार नुपूर जे. शर्मा ने कहा कि पूर्व के समय में जो भूमिका मीडिया की होती थी। वह भूमिका आज के समय में सोशल मीडिया की है। इसलिए सोशल मीडिया के कंटेट क्रिएटर्स की यह जिम्मेदारी है कि वह समाज में सकारात्मक परिवर्तन का कारण बनें। उन्होंने कहा कि अपनी बात को तथ्यों के साथ प्रस्तुत करें।
चतुर्वेदी ने सिखाए ए आई और डिजीटल तकनीक के गुण
ओटीटी प्लेटफार्म प्राच्याम के संस्थापक और एआई विशेषज्ञ प्रवीण चतुर्वेदी ने प्रतिभागियों को कंटेंट क्रिएशन में एआई तकनीक का उपयोग करने के गुण सिखाये। उन्होंने बताया कि एक समय पर कंटेट के माध्यम से ही समाज में हिन्दू विरोधी नैरेटिव गढ़ने के सफल प्रयास किए अब स्थितियां बदल रही हैं। अब हिन्दू संस्कृति के दृष्टिकोण से भी कंटेंट बन रहा है।
वायरलिटी की दौड़ में शामिल न हों, रियलिटी का साथ दें : आर जे रौनक
चर्चित रेडियो जॉकी रौनक ने कहा कि आज के समय इन्फ्लुएंसर्स अपने कंटेट को वायरल करने के लिए रियलिटी से काफी दूर चलते जाते हैं। जिसके कारण कई बार ऐसा होता है कि हम कंटेट क्रिएशन करते–करते अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्वों से भी दूर होने लगते हैं। इससे बचने के लिए उन्होंने ध्यान का फॉर्मूला दिया, जिसका अर्थ है- धर्म, हित, योग, अनुसरण और न्याय बताया। उन्होंने कि हम सोशल मीडिया का निर्माण करते हुए इन पांचों चीजों काे ध्यान में रखेंगे तो जरुर सफल होंगे।
मुझे गर्व है कि मैं पत्रकारिता के साथ सनातन की बात करता हूं : तिवारी
कार्यक्रम में शामिल हुए वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेंद्र तिवारी ने प्रतिभागियों के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि आज के समय में भी यदि कोई पत्रकारिता करते–करते सनातन की बात करता है तो उसे पत्रकारों का एक तबका हीन भावना से देखता है। लेकिन मेरा ये मानना है कि सनातन का कार्य करने वाले व्यक्ति को आज के समय के सोशल मीडियो ट्रोलर्स एक बार तो ट्राेल कर सकते हैं, बार–बार नहीं। यही सोचकर मैं हर बार अपनी पत्रकारिता में सनातन की बात करता हूं। मुझे गर्व है कि पत्रकारिता के साथ सनातन का कार्य भी करता हूं।
तर्कपूर्ण तथ्य ही सत्य है : प्रियंक कानूनगो
समापन सत्र में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने कहा कि सोशल मीडिया के इस युग में सत्य कुछ भी नहीं। तर्कपूर्ण तथ्य ही सत्य माना जाएगा। हम सभी जिस भी तरीके के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर काम करते हैं वहां हमें यह देखना है कि हम जिस विषय में बात कर रहे हैं, वह बात तार्किक और तथ्यात्मक रूप से कितनी सही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि समय के साथ संवाद करने के साधनों में और लोगों को जागृत करने के संसाधनों में भी बदलाव आया है। इसमें सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका है। हमारी जिम्मेदारी ये भी है कि हम सूचना के साथ भारत के लोगों के अंदर भारतीयता का भाव जागृत करें।
16 जिलों से 350 से अधिक प्रतिभागी हुए सम्मिलित
कार्यक्रम में मध्यभारत प्रांत के 350 से अधिक चयनित सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स शामिल हुए, जिन्हें सोशल मीडिया का उपयोग तथ्यों और तकनीक के माध्यम से करने की जानकारी वक्ताओं ने दी। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर प्रशांत ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए डिजीडल प्लेटफार्म पर कार्य करते–करते कैसे सामाजिक परिवर्तन के कारण बने इस बात की दिशा देने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इस कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल रहे। कार्यक्रम का आभार विश्व संवाद केंद्र की न्यासी श्रीमती शुभदा ने किया।