प्रकृति, पर्यावरण संरक्षण हेतु मिला सम्मान

विकास बत्रा 9425002223
ख़बरमंत्री न्यूज़ नेटवर्क, भोपाल


पूर्व में कई प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त कर चुके मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष, बैतूल के जलप्रहरी और प्रसिद्ध पर्यावरणविद मोहन नागर को अब सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए देश की राजधानी दिल्ली में एन डी आर ई भवन के कन्वेंशन सेण्टर में 19 जनवरी को भाऊराव देवरस सम्मान समारोह 2024-25 से सम्मानित किया गया है।

कार्यक्रम में विशेष रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख स्वात रंजन एवं ओलंपिक खेलों में दिव्यांगों के कोच रहे वीरेंद्र सिंह रावत के अतिरिक्त भारत सरकार के जनजाति कार्य मंत्री दुर्गादास उईके भी उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता के समक्ष दीप प्रचलित कर एवं पूज्य भाऊराव देवरस जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया ।
उक्त सभागार में देश में सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले विशेष आमंत्रित सदस्यों के अलावा पूरे देश में साहित्यिक, पर्यावरण, जल संरक्षण, शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में विशेष कार्यकर अपनी पहचान बनाने वाले लगभग 300 से अधिक विशेष महानुभावों को आमंत्रित किया गया ।
भाऊराव देवरस सेवा न्यास द्वारा प्रतिवर्ष दिया जाने वाला भाऊराव देवरस स्मृति सम्मान के इस 30 वें समारोह में भारत के केंद्र बिंदु बैतूल जिले के पर्यावरणविद्, जल प्रहरी मोहन नागर के सम्मानित होने पर बैतूल व मध्यप्रदेश में खुशी की लहर है ।
कार्यक्रम में भाऊराव देवरस स्मृति सम्मान समारोह की चयन समिति के पदाधिकारी श्याम बागड़ी, ओमप्रकाश गोयल व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय अधिकारी स्वान्त रंजन द्वारा मोहन नागर को साल श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह के साथ 2 लाख 51 हजार रुपए की राशि का चेक देकर सम्मानित किया गया ।
समारोह के मुख्य वक्ता स्वान्त रंजन ने इस अवसर पर कहा कि
सेवा कार्य करने हेतु समाज के प्रति अपनत्व भाव, कर्त्तव्य भाव तथा समर्पण का भाव का होना आवश्यक है । न्यास द्वारा प्रतिवर्ष देश में अच्छे कार्य कर रहे लोगों को सम्मानित करने से समाज में सकारात्मक काम करने वाले कार्यकर्ताओं की प्रतिष्ठा बढ़ती है ।
सम्मान समारोह में मोहन नागर अपने उद्बोधन में कहा कि यह मेरे एवं मेरे बैतूल जिले के लिए गौरवान्वित होने वाला पल है । प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण सरकार के साथ हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है । भारत जैसे देश में जहाँ वर्षा केवल अस्सी-नब्बे दिन होती है तथा उसमें भी 50 प्रतिशत वर्षा केवल दस दिन में हो जाती है, ऐसे में वर्षाजल को सहेजना एक चुनौती है । जिसे जनभागीदारी से ही पूर्ण किया जा सकता है । श्री नागर बैतूल के जनजाति समाज के साथ वर्षाजल का प्रबन्धन करने के अपने अनुभव साझा किये व आमजन से जल व नदी संरक्षण में अपना योगदान देने का आह्वान किया । श्री नागर ने कहा कि वे भाऊराव देवरस सम्मान पाकर अभिभूत हैं, क्योंकि वे उसी भारत भारती शिक्षा संस्थान के प्रबन्धन का कार्य करते हैं, जिसे भाऊराव देवरस जी ने 1959 में प्रारम्भ किया था ।

मोहन नागर को यह सम्मान उनके प्रकृति, पर्यावरण संरक्षण विशेषकर भूमिगत जल में वृद्धि हेतु दिया गया ।
श्री नागर ने बैतूल एवं मध्यप्रदेश के अनेक जिलों में जल ,शिक्षा एवं पर्यावरण के क्षेत्र में किए विशेष कार्य किये हैं । वे जैविक खेती, गौसेवा व साहित्य के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित हो चुके हैं । श्री नागर को 2019 में भारत सरकार के जलशक्ति मन्त्रालय द्वारा जल प्रहरी सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है ।
भाऊराव देवरस सम्मान समारोह में सम्मिलित हुए केन्द्रीय मन्त्री दुर्गादास उइके व विद्या भारती के केन्द्रीय पदाधिकारी ब्रह्मदेव शर्मा ( भाई जी ) ने मोहन नागर को इस अवसर पर बधाई दी ।

न्यूज़ सोर्स : Khabarmantri News Network