अस्पतालों में बांड पर तैनात होंगे ढाई हजार डॉक्टर
भोपाल। मप्र में सरकार स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की निरंतर कवायद कर रही है। इस कड़ी में चिकित्सकों की कमी सबसे बड़ी समस्या है। इसको दूर करने के लिए सरकार ने नया रास्ता निकाला है। अब प्रदेश के उन अस्पतालों में खाली पदों पर बांड पर डॉक्टर आएंगे, जहां सालों से इनकी कमी होने के कारण इलाज में बाधा आ रही है। ढाई हजार डॉक्टर बंध पत्र पर इलाज करेंगे।
गौरतलब है कि प्रदेश में चिकित्सकों की कमी बड़ी समस्या बनी हुई है। सरकार ने सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं तो लगभग सारी उपलब्ध करा दी है, लेकिन चिकित्सकों और विशेषज्ञों की कमी चिंता का विषय बनी हुई है। राजधानी के अस्पतालों को भी आधा सैकड़ा एमबीबीएस एवं बीडीएस मिलेंगे। प्रदेश में जिला चिकित्सालयों से लेकर सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में लंबे समय से डॉक्टरों की कमी बनी है। विभाग की चिंता खासकर ग्रामीण अंचलों को लेकर है। यही समस्या उपचार सेवाओं के लिए परेशानी बनी है। अब यहां खाली पदों की पूर्ति करने विभाग ने नया और वैकल्पिक रास्ता निकाला है। चिकित्सा कॉलेजों से जो छात्र एमबीबीएस और बीडीएस की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं, उन्हें इन अस्पतालों में बांड पर रखा जा रहा है। विभाग के अनुसार एक साल के बांड पर यह डॉक्टर रहेंगे। इस बीच दो रास्ते रहेंगे। यदि सीधी भर्तियों से विभाग चयन करेगा तब इनकी जगह चयनित डॉक्टर पदस्थ किए जाएंगे। अन्यथा इनकी कार्य दक्षताओं को देखते हुए एक साल बाद इनका कार्यकाल बढ़ाने पर भी विचार होगा। इस बीच किसी कारणवश यदि कोई बांडेड डॉक्टर काम छोडक़र जाता है तो उसकी जगह पर दूसरी नियुक्ति भी बांड पर होगी।
सर्वे में सामने आई हकीकत
जानकारी के अनुसार विभाग ने हाल के कुछ दिनों में उपचार सेवाओं का मैदानी सर्वे करवाया है। इसमें पाया गया है कि मरीजों को समय पर इलाज न मिलना डॉक्टरों की कमी एक बड़ी वजह है। सबसे अधिक दिक्कत ग्रामीण क्षेत्रों में पाई गई है। इसके लिए तात्कालिक तौर पर सभी अस्पतालों को सीधी भर्ती से डॉक्टर मिलना संभव नहीं है। नतीजतन बांड का सहारा लिया गया है ताकि अस्पतालों में समय पर रोगी को कंपलीट इलाज दिया जा सके। विभाग के अनुसार राज्य के हर जिले में डॉक्टरों की कमी है। इन डॉक्टरों से जो बंध हुआ है, उसमें शर्त यही है कि उन्हें जहां पदस्थ किया जा रहा है वहां विभाग नियम के अनुसार काम करना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थापना के बाद नियमित तौर पर सेवाएं देना होंगी। इस प्रक्रिया में राजधानी को भी 50 बांडेड डॉक्टर मिलेंगे। फंदा और बैरसिया में सामुदायिक एवं प्राथमिक एवं संजीवनी क्लीनिक में इनकी कमी बनी है। इसी माह बंध पत्र पर डॉक्टरों की पदस्थापना हो जाएगी। ज्यादातर डॉक्टरों की पदस्थापना दोनों ही ब्लॉकों के ग्रामों में की जाएगी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय का कहना है कि बांड पर इन डॉक्टरों की जॉइनिंग कराने की प्रक्रिया कंपलीट की जा रही है। कमिश्नर, आयुक्त स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तरूण राठी का कहना है कि उपचार सेवाओं को बेहतर बनाया जा सके, इसलिए बांड पर डॉक्टरों की नियुक्ति की जा रही है। ग्रामीण अंचलों में रोगियों को बेहतर इलाज देना हमारी प्राथमिकता है।