नई दिल्ली । भारत के लिए सुरक्षा चुनौती बने पाकिस्तानी ड्रोन के दिन गिने-चुने बचे हैं। सीमा पर ड्रोन की धमाचौकड़ी पूरी तरह रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल को बहुत जल्द एंटी ड्रोन गन से लैस होगी। ये स्पेशल गन ड्रोन को मार गिराने में बहुत कारगर होगी हैं। यह जानकारी गृह मंत्रालय के अधिकारी ने दी। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि इस बारे में बीएसएफ की ओर से क्वालिटेटिव रिक्वायरयरमेंट्स ड्राफ्ट (क्यूआरएस) भेजा गया है।स्पेशल गन की बाजार उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विक्रेताओं और संभावित निर्माताओं से बोलियां बुलाई हैं।बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ये हैंडहेल्ड एंटी-ड्रोन गन सीमावर्ती इलाकों में गश्त करने वाली टीमों के लिए बहुत उपयोगी होंगी, जो कभी-कभी ड्रोन उड़ते हुए देखते हैं, लेकिन अधिक कुछ नहीं कर सकते, क्योंकि ये उनकी फायरिंग रेंज से बाहर होते हैं। बीएसएफ ने एंटी-ड्रोन गन में क्या-क्या विशेषताएं चाहिए इसका अपने क्यूआरएस में विस्तार से उल्लेख किया है।पंजाब जम्मू-कश्मीर सीमा पर पाकिस्तान की ओर से ड्रोन का उपयोग मादक पदार्थो की तस्करी और विस्फोटक व छोटे हथियार गिराने के लिए किया जाता है।
खुफिया एजेंसियों ने सीमा पार यहां तक कि नक्सल क्षेत्रों में भी आतंकी समूहों की ड्रोन क्षमताओं को लेकर सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया है। बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले साल उन्होंने कई तरह के ड्रोन मार गिराए। कुछ ड्रोन (हेक्साकाप्टर) अधिक भार वहन कर सकते हैं।उनका नियंत्रक सीमा पार बैठता है, और नियंत्रण रेखा पार किए बिना अपना मकसद पूरा करता है। मेड इन चाइना ड्रोन तकनीक में उन्नत हैं और उनकी मेमोरी दूर से ही डिलीट हो जाती है। वे इससे कभी कोई सुराग नहीं निकाल पाते। पूरी सीमा को ड्रोन रोधी उपकरणों के तहत कवर नहीं किया जा सकता। लेकिन गश्ती दल के साथ हाथ में लिए जाने वाली एंटी-ड्रोन बंदूकें ड्रोन का पता लगाने और उसे नीचे लाने में मदद कर सकती हैं।