नई दिल्ली । संख्या से लेकर सहयोग तक महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। गुरुवार को हुई पार्टी की अहम बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने सत्ता जाने के संकेत दिए हैं। वहीं, शिवसेना की मीटिंग में भी महज 12 विधायकों ने ही उपस्थिति दर्ज कराई। इधर, असम के गुवाहाटी में ठहरे एकनाथ शिंदे खेमे का संख्या बल लगातार बढ़ना जारी है। खबर है कि उनके पक्ष में 49 विधायक खड़े हो गए हैं। इनमें शिवसेना के 42 और 7 निर्दलीय एमएलए  शामिल हैं। गुरुवार को एनसीपी की खास बैठक आयोजित हुई। इस दौरान प्रमुख शरद पवार ने भी कहा है कि सत्ता जाने के बाद आगे के संघर्ष के लिए तैयार रहें। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का साथ दने की बात कही है। सुप्रीमो पवार के आवास पर हुई इस चर्चा में उप मुख्यमंत्री अजित पवार, राज्य के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल, मंत्री जयंत पाटील, जितेंद्र अव्हाड, नेता सुनील ततकारे मौजूद रहे। विधायकों की बगावत से जूझ रही शिवसेना ने भी आज मीटिंग बुलाई थी। खास बात है कि इस बैठक में पार्टी के केवल 12 ही विधायक पहुंचे। हालांकि, आदित्य ठाकरे को अगर मिलाएं, तो पार्टी के पास 13 विधायक हैं, लेकिन वह बैठक से अनुपस्थित रहे थे और मातोश्री में मौजूद थे। इधर, पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत लगातार दावा कर रहे थे कि उनके संपर्क में 20 विधायक हैं। राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन महाविकास अघाड़ी में शामिल कांग्रेस ने भी सीएम ठाकरे के फैसलों पर भरोसा जताया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने ट्वीट किया, 'महाविकास अघाड़ी में मुख्यमंत्री पद के संबंध में जो फैसला उद्धव ठाकरे लेंगे, उसमें कांग्रेस उनका साथ देगी।'  कांग्रेस और राकंपा के बीच भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पटोले ने आरोप लगाए हैं कि उप मुख्यमंत्री अजित पवार की तरफ से कांग्रेस को परेशान किया जाता है। साथ ही उन्होंने दावा किया है कि उनकी पार्टी विपक्ष में बैठने के लिए तैयार है।