नई दिल्ली । मोदी सरकार ने रेलवे टिकट पर बुजुर्गों को मिलने वाली छूट को बहाल करने से इंकार कर दिया हैं। मोदी सरकार का साफ कहना है कि इससे 2018-19 में 1636 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ा। ये भी तर्क दिया गया है कि मोदी सरकार ने रेल टिकट के दाम पहले ही काफी कम कर दिए हैं, इसमें ज्यादा छूट की जरूरत नहीं। लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बड़ा मुद्दा बना कर सरकार की इस नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
राहुल ने ट्वीट कर लिखा है कि विज्ञापनों का खर्च 911 करोड़, नया हवाई जहाज  8,400 करोड़ पूंजीपति मित्रों के टैक्स में छूट 1,45,000 करोड /साल लेकिन सरकार के पास बुजुर्गों को रेल टिकट में छूट देने के लिए 1500 करोड़ नहीं हैं। मित्रों के लिए तारे तक तोड़ कर लाएंगे, मगर जनता को कौड़ी-कौड़ी के लिए तरसाएंगे। अब ये कोई पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने सरकार को पूंजीपतियों वाली बताया हो. ऐसा भी कोई पहली बार नहीं है, जब राहुल ने सरकार पर अपने उद्योगपति मित्रों की मदद करने का आरोप लगाया हो।
मुद्दे और मौके अलग रहे हैं, लेकिन पिछले आठ सालों से लगातार राहुल गांधी समय-समय पर सरकार पर ये आरोप लगा चुके हैं। ऐसे में इस बार जब सरकार ने रेल टिकट पर बुजुर्गों को छूट देने से इनकार कर दिया, कांग्रेस नेता ने फिर सरकार की नीयत पर सवाल उठा दिए. साफ कह दिया कि ये सरकार सिर्फ उद्योगपतियों की मांग पूरी कर रही है, सिर्फ विज्ञापन पर पैसा खर्च कर रही है।  
बता दें कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मुद्दे पर लोकसभा में एक विस्तृत जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि वर्तमान समय में भी सरकार ही रेल किराए की लागत का 50 प्रतिशत खर्चा उठाती है। बताया गया है कि रेल टिकट के किराए में सिर्फ दिव्यांग लोग और 11 कैटगरी के दूसरे यात्रियों को छूट दी जाएगी।