जिले के आरंग विकासखंड के ग्राम गोढ़ी में लगभग 85 एकड़ भूमि में विशेष जेल का निर्माण किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव गृह (जेल) सुब्रत साहू ने मंगलवार को स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने लोक निर्माण और राजस्व विभाग के अधिकारियों को इस विशेष जेल निर्माण के संबंध में एक सप्ताह के भीतर कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। ग्राम गोढ़ी में विशेष जेल में 5000 बंदियों को रखने की क्षमता होगी। गृह विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रायपुर शहर के मध्य में लगभग 150 वर्ष पुरानी केंद्रीय जेल संचालित है। जहां 1690 की बंदी क्षमता है। लेकिन 3200 से ज्यादा बंदी निरूद्ध रहते हैं। जेल के अंदर प्रति बंदियों के लिए निर्धारित 41.80 वर्गमीटर स्थान की उपलब्धता नहीं हो पा रही है। उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय ने समय-समय पर आदेश जारी कर जेलों की स्थिति में सुधार लाने के लिए कहा है। इसके अलावा राष्ट्रीय एवं राज्य मानव अधिकार आयोग द्वारा भी जेलों की स्थिति में सुधार लाने के लिए कहा गया है।

स्थल निरीक्षण के दौरान महानिदेशक जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं संजय पिल्ले, उपमहानिरीक्षक जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं डा. केके गुप्ता, अपर कलेक्टर रायपुर गोपाल वर्मा, अतुल विश्वकर्मा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, मीना साहू तहसीलदार मंदिर हसौद, आरके गौर कार्यपालन अभियंता, सीएस चंद्राकर अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग रायपुर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
रायपुर सेंट्रल जेल प्रदेश की अन्य जेलों की तुलना में सबसे सुरक्षित जेल मानी जाती है। यही वजह है कि हार्डकोर नक्सलियों के अलावा, कई बड़े अपराध में सजा काट रहे बंदी यहां रखे गए हैं। दूसरी जेल से भी बड़े अपराधियों, नक्सलियों को यहां रखा गया है। ऐसी स्थिति में यहां सालों से बंदियों के रहने के लिए जगह कम होने की समस्या बनी हुई है। जेल में ओवर क्राउडिंग का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि क्षमता 1690 कैदियों को रखने की है, लेकिन 35 सौ से अधिक कैदी रह रहे हैं। जेल अफसरों ने बताया कि नए जेल में सजायाफ्ता कैंदियों को रखा जाएगा। पांच हजार क्षमता वाले विशेष जेल में सजायाफ्ता कैदियों की शिफ्टिंग की जाएगी।