वाशिंगटन । अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी ऐतिहासिक यात्रा के बारे में कहा कि दोनों देशों के बीच सेमीकंडक्टर और रक्षा जैसी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों में उभरते सहयोग के मूल में रणनीतिक निर्भरता को कम करने का भारत का विचार है।
अमेरिकी चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अंग अमेरिका-भारत व्यापार परिषद के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर ब्लिंकेन ने कहा इस सभी सहयोग का केंद्र बिन्दु विश्वसनीय देशों के साथ हमारी आपूर्ति श्रंखलाओं में विविधता और गहराई लाना तथा रणनीतिक निर्भरता को कम करना है। ब्लिंकेन उभरती महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों पर दोनों देशों के बीच सहयोग में हालिया उछाल का जिक्र कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2022 में इस पर चर्चा शुरू की थी और इस साल की शुरुआत में दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों अजीत डोभाल और जेक सुलिवन की बैठक में दोनों पक्षों द्वारा इसे गति दी गई। शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि दोनों देश सेमीकंडक्टर और और सौर ऊर्जा उपकरणों के क्षेत्र में भी सहयोग कर सकते हैं जिससे इनके लिए चीन पर भारत की निर्भरता समाप्त होगी। उन्होंने तमिलनाडु में सौर निर्माण संयंत्र में अमेरिकी निवेश के बारे में भी बात की।
हालांकि ब्लिंकन ने यह नहीं कहा कि अमेरिका को रणनीतिक निर्भरता कम करने के मामले में भारत से उम्मीदें हैं लेकिन यह रूसी तेल पर भारत की निर्भरता की स्वीकृति हो सकती है। भारत अमेरिकी प्रतिबंधों की अनदेखी करते हुए अपने स्वयं के उपयोग और निर्यात के लिए भारी रियायती दरों पर रूस से तेल आयात कर रहा है। विदेश मंत्री द्विपक्षीय संबंधों को लेकर बेहद आशान्वित दिखे। किसी भारतीय प्रधानमंत्री के लिए अमेरिका द्वारा राजकीय रात्रिभोज का आयोजन लगभग 14 वर्षों के बाद किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए यह पहली बार होगा। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अंतिम भारतीय प्रधानमंत्री थे जिन्हें 2009 में राजकीय रात्रिभोज दिया गया था।