इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा समेत कई राज्यों में भीषण आतंकी हमले के पीछे अलकायदा का हाथ बताया जा रहा है। हालां‎कि यह खुलासा और ‎किसी ने नहीं, ब‎ल्कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा प‎रिषद ने ‎किया है। दरअसल पा‎किस्तान में बीते कुछ सालों में इन हमलों में तेजी से इजाफा हुआ है और यहां तक कि पुलिस चौकियां भी अब सुरक्षित नहीं रही हैं। आतंकवाद से बचे रहने वाले पंजाब में भी हमलों में तेजी आई है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में बताया गया है कि इन हमलों के पीछे अलकायदा जैसे खूंखार आतंकी संगठन की फंडिंग और उसके आतंकी हैं, जिन्हें दशकों से पाकिस्तान ने ही पाला है और खाद पानी दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को मिली इस्लामिक स्टेट और अलकायदा, तालिबान मॉनिटरिंग टीम ने अपनी 33वीं रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है।
यूएन की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में हमले करने वाले तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को अलकायदा की ओर से न सिर्फ हथियार मिल रहे हैं बल्कि ग्राउंड सपोर्ट भी दिया जा रहा है। अफगानिस्तान तालिबान भी इसमें सक्रिय रोल अदा कर रहा है। वही अफगान तालिबान जिसके अफगानिस्तान की सत्ता में काबिज होने पर पाकिस्तान ने जश्न मनाया था और इसे अमेरिका एवं भारत जैसे देशों की हार बताया था। अब यही अफगान तालिबान पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा समेत बलूचिस्तान और सिंध में आतंकी हमले करा रहा है। हालां‎कि पाकिस्तान लगातार इसे लेकर चिंता भी जताता रहा है। वहीं अफगानिस्तान से अब उसके रिश्ते भी इसके चलते खराब हुए हैं। 
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगान तालिबान भले ही कह रहा है कि वह अपनी धरती से आतंकी गतिविधियों को प्रोत्साहित नहीं करेगा, लेकिन अब तक इस पर रोक नहीं लगी है। यूएन की रिपोर्ट के अनुसार बड़ी संख्या में अफगान तालिबान के लड़ाके ही अब टीटीपी का हिस्सा बन गए हैं। इन लोगों को अफगान तालिबान से अच्छी खासी फंडिंग मिल रही है और उनके परिवार के लोगों को भी मदद मिल रही है। रिपोर्ट के मुताबिक टीटीपी ने 2023 के मध्य में खैबर पख्तूनख्वा में अपना बड़ा बेस तैयार कर लिया है। यहां पर बड़ी संख्या में लड़ाकों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है।