मणिपुर के बिष्णुपुर में मोइरांग लमखाई चौकी पर तैनात असम राइफल्स के जवानों को वापस बुला लिया गया है। उनकी जगह अब सीआरपीएफ और राज्य पुलिस को तैनात किया गया है। बता दें, असम राइफल्स की वापसी ऐसे समय में हुई है, जब घाटी के जिलों में महिलाओं के कई समूहों ने राज्य में अर्धसैनिक बल को हटाने की मांग करते हुए सोमवार को प्रदर्शन शुरू किया था।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) एल कैलुन ने सोमवार को अधिसूचना जारी की। इसमें कहा गया है कि बिष्णुपुर से कांगवई रोड पर मोइरांग लमखाई में चेकपॉइंट को 9 एआर के स्थान पर नागरिक पुलिस और 128 बीएन सीआरपीएफ को तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक तैनात किया जाए। बताया जा रहा है कि असम राइफल्स से संपर्क किया गया है और अर्धसैनिक बल की प्रतिक्रिया का इंतजार है।

महिला समूहों ने सोमवार को इंफाल पश्चिम जिले के होदाम लीराक और क्वाकीथेल में एक सड़क को अवरुद्ध कर दिया। इसके अलावा इंफाल पूर्व में अंगोम लीकाई और खुरई क्षेत्र में भी विरोध जताया गया।

यह है मामला
मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।