विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज चैत्र शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर शनिवार शाम सांध्य आरती के दौरान शाम को बाबा महाकाल का विशेष शृंगार किया गया। इस दौरान बाबा महाकाल का भांग और मावे से अर्धनारीश्वर स्वरूप में शृंगार किया गया। 

श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में शाम 5 बजे बाद ही बाबा महाकाल का जलाभिषेक रोक दिया जाता है। इसके बाद सांध्य आरती की तैयारी शुरू कर दी जाती है। आज भी बाबा महाकाल का नवरात्रि पर्व को देखते हुए अर्धनारीश्वर स्वरूप में शृंगार किया गया। आज का शृंगार श्रद्धालुओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा था, क्योंकि भांग और मावे से किए गए शृंगार में एक ओर भगवान शिव तो दूसरी और माता जी के स्वरूप में शृंगार किया गया था। 

शृंगार में एक और जहां भगवान के शीश पर नाग विराजित था तो वहीं त्रिपुंड के साथ ही मस्तक पर चंद्र भी विराजमान किया गया। दूसरी ओर माता के स्वरूप में बिंदिया और नाक में नथनी पहनाकर दिव्य अलौकिक शृंगार किया गया था। जिसे देखकर श्रद्धालु जय श्री महाकाल का उद्घोष कर रहे थे।