नई दिल्ली । कार खरीदी के मामले में बेंगलूरूवा‎सियों ने ‎दिल्ली को पीछे छोड़ ‎दिया है। यहां ‎पिछले साल की अपेक्षा कार खरीदी में 7.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जब‎कि ‎दिल्ली में यह 38.8 फीसदी नीचे ‎गिरी है। इससे साफ जा‎हिर है ‎कि ‎दिल्ली की अपेक्षा बेंगलूरू में लोग ज्यादा कार खरीद रहे हैं। जानकार बता रहे हैं ‎कि ब्‍लू चिप सिटी के नाम से मशहूर बेंगलूरु ने इस मामले में राजधानी दिल्ली को ऐसी मात दी है कि लोग चौंक गए हैं। गाड़ियों के शौकीन माने जाने वाले दिल्ली के लोग हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट के बाद सोच में पड़ गए हैं। दरअसल देश में प्राइवेट कारों की संख्या के मामले में बेंगलूरु ने दिल्ली को पीछे छोड़ दिया है। सरकार की ओर से जारी दिल्ली स्टैटिक्स हैंडबुक 2023 के अनुसार 31 मार्च 2023 तक दिल्ली में रजिस्टर्ड प्राइवेट कारों की संख्या 20.71 लाख थी। 2021 के बाद से इसमें करीब 38.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं कर्नाटक परिवहन विभाग के आंकड़ों को देखें तो बेंगलूरू में इस दौरान रजिस्टर्ड कारों की संख्या 22.33 लाख थी। इसमें 2021 के मुकाबेले 7.1 प्रतिशत की दर से तेजी देखी गई है। 
‎रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में वाहनों की गिरती संख्या के पीछे दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए अक्टूबर 2010 में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध का रहा है। ‎पिछले साल मार्च में जारी दिल्ली सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में कहा गया है कि वर्ष 2021-22 की अवधि के दौरान, दिल्ली में प्रति हजार जनसंख्या पर वाहनों की संख्या 472 थी। 2020-21 में यह संख्या 655 थी। गिरावट की वजह डीजल और पेट्रोल वाहनों की स्क्रैपिंग नीति थी। 2022 में दिल्ली में सड़क पर मोटर वाहनों की कुल संख्या 79.18 लाख थी, जो 35.38 प्रतिशत की कमी दर्शाती है क्योंकि दिल्ली सरकार ने 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया है।