नई दिल्ली  । शरद पवार को चुनाव आयोग से बड़ा झटका लगा है। कारण, चुनाव आयोग ने अजित गुट को ही असली एनसीपी करार दिया है। चुनाव आयोग ने कहा कि तमाम सबूतों के मद्देनजर ये फैसला लिया गया है। चुनाव आयोग का कहना है कि अजित पवार गुट को एनसीपी का नाम और चुनाव चिन्ह इस्तेमाल करने का अधिकार है।
चुनाव आयोग ने शरद पवार को नए राजनीतिक दल के लिए एक नाम का दावा करने और आयोग को तीन प्राथमिकताएं प्रदान करने का विकल्प दिया है। यानी शरद गुट 7 फरवरी को दोपहर 3 बजे तक अपनी प्राथमिकताएं चुनाव आयोग को दे सकता है। जुलाई 2023 में अजित एनसीपी के 40 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। गठबंधन सरकार में उन्हें डिप्टी सीएम भी बनाया गया था। शरद से बगावत के बाद  अजित  ने दावा किया था कि एनसीपी का बहुमत उनके पास है। इसलिए पार्टी के नाम और सिंबल पर उनका अधिकार है। अजित ने 30 जून को चुनाव आयोग में याचिका दायर कर एनसीपी पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किया था। दूसरी तरफ शरद पवार ने पार्टी छोडक़र जाने वाले 9 मंत्रियों समेत 31 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी।