इन दिनों कंपनियां अपने तिमाही नतीजे जारी कर रही हैं. इसी बीच दो बैंक आईसीआईसीआई बैंक और येस बैंक ने भी अपने तिमाही नतीजे जारी कर दिए हैं. पिछले तिमाही में आईसीआईसीआई बैंक का मुनाफा जहां बढ़ा है तो वहीं येस बैंक के मुनाफे में गिरावट देखने को मिली है. निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक का वित्त वर्ष 2022-23 की मार्च तिमाही के दौरान एकीकृत शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 27.64 प्रतिशत बढ़कर 9,852.70 करोड़ रुपये हो गया. मार्च तिमाही में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई का एकल आधार पर शुद्ध लाभ लगभग 30 प्रतिशत बढ़कर 9,121.87 करोड़ रुपये रहा.

आईसीआईसीआई बैंक

तिमाही में आईसीआईसीआई बैंक की कुल आय 36,108.88 करोड़ रुपये रही, जो इससे एक साल पहले इसी अवधि में 27,412.32 करोड़ रुपये थी. बैंक का कुल खर्च सालाना आधार पर 17,119.38 करोड़ रुपये से बढ़कर 22,282.50 करोड़ रुपये हो गया. बैंक ने बताया कि 31 मार्च, 2023 तक उसके कुल ऋणों में सकल गैर-निष्पादित आस्तियों (NPA) का हिस्सा 2.81 प्रतिशत था. यह आंकड़ा एक साल पहले इसी अवधि में 3.60 प्रतिशत और दिसंबर 2022 तिमाही में 3.07 प्रतिशत था.

येस बैंक

वहीं निजी क्षेत्र के येस बैंक का बीते वित्त वर्ष की मार्च तिमाही में शुद्ध मुनाफा 45 प्रतिशत घटकर 202 करोड़ रुपये रह गया. बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान उसका शुद्ध लाभ 32.7 प्रतिशत घटकर 717 करोड़ रुपये रहा. बैंक की मार्च तिमाही में शुद्ध ब्याज आय 15.4 प्रतिशत बढ़कर 2,105 करोड़ रुपये हो गई. शुद्ध ब्याज मार्जिन 0.30 प्रतिशत बढ़कर 2.8 प्रतिशत रहा. ऋण वृद्धि 12 प्रतिशत से अधिक रही. बैंक की कुल जमाओं में 10 प्रतिशत वृद्धि हुई.

मुनाफा

येस बैंक ने कहा कि कर्ज के लिए प्रावधान बढ़ाने के चलते मार्च तिमाही और पूरे वित्त वर्ष के दौरान उसके मुनाफे पर असर पड़ा. बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रावधानों के चलते नतीजे प्रभावित हुए हैं, लेकिन आने वाले वक्त में फंसे हुए कर्ज से बेहतर वसूली की उम्मीद है. समीक्षाधीन तिमाही में येस बैंक की शुद्ध ब्याज आय 15.4 प्रतिशत बढ़कर 2,105 करोड़ रुपये हो गई. गैर-ब्याज आय 22.8 प्रतिशत बढ़कर 1,082 करोड़ रुपये रही. बैंक ने कहा कि यह लगातार दूसरा साल है, जब वह मुनाफा दर्ज करने में सफल रहा है.