गुवाहाटी । वर्तमान समय में छोटे चाय उत्पादकों के लिए ब्रांडिंग सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। यह बात हाल ही में बाइसेन्टेनरी असम टी इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस 2024 के उदघाटन के मौके पर असम और भारत में लघु चाय उत्पादकों की क्रांति विषय पर चर्चा के दौरान वक्ताओं ने कही। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि चाय बागान मालिकों के लिए यह एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है, इसलिए उनके उत्पाद की ब्रांडिंग से उनके द्वारा उत्पादित खराब गुणवत्ता वाली पत्तियों के आरोप को दूर करने में मदद ‎मिल सकती है। कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन स्मॉल टीम ग्रोअर्स एसोसिएशन (सीआईएसटीए) का कहना है ‎कि गुणवत्ता बनाए रखना हमारे सामने एक बड़ा मुद्दा है। इसे दूर करने के लिए ब्रांडिंग सबसे महत्वपूर्ण है। उनका कहना है ‎कि देश में सालाना उत्पादित होने वाली चाय में छोटे चाय उत्पादकों का योगदान 50 प्रतिशत से अधिक है, लेकिन खराब गुणवत्ता वाली पत्तियों के आरोप उनके खिलाफ अक्सर लगते रहते हैं। उचित ब्रांडिंग काफी हद तक गुणवत्ता अनुपालन के मुद्दे से निपटने में मदद कर सकती है। चाय विनिर्माण कंसल्टेंसी ने कहा ‎कि छोटे चाय उत्पादकों को ज्यादातर बैकएंड उत्पादक के रूप में देखा जाता है और उन्हें कम कीमत वसूली की समस्या का सामना करना पड़ता है, जो उनकी आय तथा आजीविका को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।