नई दिल्ली। देश के प्रमुख शेयर बाजार बीएसई ने प्रमुख कारोबारी मुकेश अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह की अलग हुई गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवा इकाई जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयर के लिए सर्किट सीमा को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है। बीएसई की एक अधिसूचना के अनुसार नई सर्किट सीमा सोमवार चार सितंबर से लागू होगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि एक सत्र में कंपनी के शेयर के भाव में एक निश्चित सीमा से अधिक का उतार-चढ़ाव नहीं आए। इसके अलावा बाजार विशेषज्ञों का कहना है ‎कि यह शेयर अगले सप्ताह ‘ट्रेड-टू-ट्रेड’ खंड से बाहर हो जाएगा। जियो फाइनेंशियल के अलावा रेलटेल और इंडिया पेस्टिसाइड्स सहित नौ कंपनियों के लिए मूल्य दायरे को संशोधित कर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। किसी शेयर में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को नियंत्रण में रखने के लिए बीएसई द्वारा सर्किट व्यवस्था का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक दिन में किसी शेयर में अधिकतम उतार-चढ़ाव की सीमा है। 
इसके अलावा एक सितंबर को जियो फाइनेंशियल के शेयर को बेंचमार्क सेंसेक्स सहित सभी बीएसई सूचकांकों से हटा दिया गया था। मूल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग होने के कारण जियो फाइनेंशियल के शेयर 21 अगस्त को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हुए थे। पहले कंपनी के शेयर को 24 अगस्त को सूचकांकों से हटाया जाना था। बाद में इसे 29 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। हालांकि, इसके लगातार निचले सर्किट को छूने की वजह से एक्सचेंजों से इसे हटाने में और देरी हुई। पिछले तीन कारोबारी सत्रों में कंपनी के शेयर में तेजी आई है और इसने ऊपरी सर्किट सीमा को छुआ है।