नई दिल्ली । इस्पात जगत से जुड़ी कंपनियों को अंतरिम बजट से आर्थिक ‎विकास को बढ़ावा मिलने और इस्पात, बुनियादी ढांचे, रेलवे तथा नवीकरणीय ऊर्जा जैसे प्रमुख क्षेत्रों को समर्थन मिलने की उम्मीद है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अपना छठा बजट पेश किया जिसमें उन्होंने सौर और स्टार्टअप जैसे क्षेत्रों के लिए अन्य प्रस्तावों के अलावा बुनियादी ढांचे पर 11.11 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की। जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के एक व‎रिष्ठ अ‎धिकारी ने कहा ‎कि केंद्रीय बजट ने कई दूरदर्शी पहलों का प्रस्ताव दिया है जो हमारे राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप हैं। इनसे आर्थिक वृद्धि, लोगों के उत्थान और इस्पात, बुनियादी ढांचे, रेलवे तथा नवीकरणीय ऊर्जा जैसे प्रमुख क्षेत्रों को समर्थन मिलने की संभावना है। एएमएनएस इंडिया के एक व‎रिष्ठ अ‎धिकारी ने कहा कि अंतरिम बजट राजकोषीय विवेक पर केंद्रित है और एक संतुलित दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। यह इस बात का अच्छा संकेत है कि आम चुनाव के बाद जुलाई में बजट में क्या आएगा। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के लिए पूंजीगत व्यय में 11.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे कुल परिव्यय 11.1 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इससे घरेलू इस्पात की मांग मजबूत होगी, निजी निवेश बढ़ेगा तथा रोजगार सृजन होगा। टाटा स्टील के अ‎धिकारी ने कहा कि अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता की परिकल्पना एक उत्साहजनक कदम है जो युवाओं की आकांक्षाओं को बढ़ावा देगा। बजट में अनुसंधान और विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपये के कोष का भी प्रावधान ‎किया गया है। विशाखापत्तम स्थित आरआईएनएल के एक अ‎धिकारी ने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान देने से वास्तव में भारतीय इस्पात क्षेत्र को बहुत जरूरी प्रोत्साहन मिलेगा।