उज्जैन ।  दो साल पहले लोकायुक्त उज्जैन को की गई एक शिकायत में जांच के बाद मंगलवार को लोकायुक्त उज्जैन में पूर्व मंत्री पारस जैन और आठ अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। मामले में लोकायुक्त द्वारा की गई जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि पूर्व मंत्री पारस जैन ने विधायक निधि से कुल चार साल में लगभग 153 लाख रुपये की राशि से निजी जमीन पर दीवार का निर्माण करवा लिया। इस दीवार का निर्माण करवाने के दौरान शासकीय दस्तावेजों में यह बताया गया कि इस दीवार के निर्माण से सार्वजनिक रूप से लोगों को लाभ मिलेगा। लेकिन लोकायुक्त द्वारा की गई जांच में यह भी पता चला कि नाले पर सुरक्षा दीवार बनाने के नाम से भले ही दीवार को बनाया गया और लेकिन इस दीवार से जनता को कोई सार्वजनिक लाभ होता नजर नहीं आता है। इस पूरी शिकायत का सत्यापन करने वाले लोकायुक्त के निरीक्षक डॉ. बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि दिनेश चौहान निवासी देवास द्वारा लोकायुक्त भोपाल को उज्जैन उत्तर विधानसभा के पूर्व विधायक पारस जैन द्वारा लगभग दो साल पहले पांड्याखेड़ी गांव में स्थित सिलिंग की जमीन को पद का दुरुपयोग कर लगभग 15 बीघा जमीन अपनी पत्नी अंगूरबाला जैन के नाम से कॉटन मर्चेंट शैक्षणिक एवं पारमार्थिक न्यास के नाम से लगभग 80 लाख रुपये में क्रय करने के साथ ही करीबन दो बीघा नाले से लगी हुई शासकीय भूमि पर भी अवैध कब्जा करने की शिकायत के साथ ही भूमि पर पूर्व मंत्री व विधायक पारस जैन द्वारा विधायक रहते हुए पद का दुरुपयोग कर शासकीय विधायक निधि से लगभग 81 लाख रुपये में नाले की तरफ से लेकर अपनी पूरी कृषि भूमि के चारों और बाउण्ड्री वाल बनवाने की शिकायत की गई थी, जिसमें बताया गया था कि पूर्व मंत्री पारस जैन ने शासकीय विधायक निधि की राशि लगभग 81 लाख रुपये अपने निजी कार्य में उपयोग कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई थी। 

साल 2020 से 2023 तक विधायक निधि से करवाया गया यह निर्माण कार्य

तत्कालीन विधायक पारस जैन द्वारा विधायक निधि वर्ष 2020-2021 से 89.18 लाख रुपये स्वीकृत की गई थी। पुल की सुरक्षा दीवार की कुल लंबाई 230 मीटर है, जिसमें से 0-75 मीटर सुरक्षा दीवार का निर्माण हो चुका है। आगे शेष 80 मीटर दीवार के निर्माण कार्य हेतु वर्ष 2021-2022 से 99.90 लाख रुपये स्वीकृत कर निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग उज्जैन को बनाए जाने हेतु अनुशंसा कलेक्टर, जिला उज्जैन को की गई थी। प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत जिला योजना अधिकारी, संभागीय योजना एवं सांख्यिकी उज्जैन संभाग उज्जैन द्वारा कलेक्टर के माध्यम से 31/3/2022 को कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग (भ/प) उज्जैन को निर्माण एजेंसी बनाया था। तत्कालीन विधायक पारस जैन द्वारा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना वर्ष 2023-2024 में प्राप्त आवंटन में से उज्जैन शहर के वार्ड क्रमांक 4 पिंग्लेश्वर मार्ग पर स्थित पिल्याखाल नाले पर पुल की सुरक्षा स्थाई पक्की दीवार चैनेज 174.20 से 204.70 मीटर कुल लम्बाई 30.50 मीटर का निर्माण कार्य लागत राशि 44.76 लाख रुपये स्वीकृत कर निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग को बनाये जाने हेतु अनुशंसा कलेक्टर, जिला उज्जैन को की गई थी। उक्त अनुशंसा अनुसार कार्यालय कलेक्टर (योजना एवं सांख्यिकी) सम्राट विक्रमादित्य प्रशासनिक संकुल भवन, उज्जैन के आदेश द्वारा प्रशासकीय आदेश जारी कर लोक निर्माण विभाग को निर्माण एजेंसी बनाया गया था।

जांच के दौरान दस्तावेजों में मिली यह गड़बड़ी

जांच के दौरान लोक निर्माण विभाग से प्राप्त दस्तावेजों में ऐसा कोई पत्राचार के दस्तावेज नहीं मिला, जिससे कि यह परिलक्षित हो कि लोक निर्माण विभाग ने हल्का पटवारी या तहसीलदार से नाले की भूमि संबंधित दस्तावेजों की मांग की हो या आहूत किये हो। लोक निर्माण विभाग द्वारा ऑनलाइन खसरे की नकल को निकालकर दस्तावेजों में सम्मिलित किया गया है। नाले की भूमि के संबंध में सत्यापन लोक निर्माण विभाग द्वारा नहीं किया गया है।

इतना कार्य हुआ इतना शेष

तत्कालीन विधायक पारस जैन द्वारा अपने पद का दुरुपयोग कर शासकीय विधायक निधि की राशि को अपने निजी हित में उपयोग कर लगभग 153.72 लाख रुपये का कार्य निजी हित में किया जाकर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचायी जा चुकी है। 44.76 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति योजना एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी की जा चुकी है। उक्त प्रशासकीय स्वीकृति वर्तमान कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग के तकनीकी स्वीकृति पर जारी हुई है, जिसका कार्य अभी किया जाना शेष है। इस प्रकार 153.72 लाख रुपये की आर्थिक क्षति शासन को पहुंचाना जाना प्रथम दृष्ट्या प्रमाणित पाया गया है एवं 44.76 लाख रुपये का कार्य किया जाना शेष है।

जाचं के दौरान उक्त नाले की सुरक्षा दीवार निर्माण से किसी भी प्रकार की सार्वजनिक हित परिलक्षित नहीं हुआ है, न ही नगर निगम से पूर्व स्वीकृत सुरक्षा दीवाल की अनापत्ति प्राप्त की गई है एवं उक्त सुरक्षा दीवार के निर्माण कार्य को जनहित में कराने हेतु नाले के आसपास रहवासियों का कोई अनुमोदन भी नहीं है। उक्त नाले के प्रवाह के विपरीत दिशा में सुरक्षा दीवार एवं तटबंध से कहीं अधिक ऊंचाई तक सुरक्षा वॉल (बॉउण्ड्री वॉल) का निर्माण कराया जाकर तत्कालीन विधायक पारस जैन निजी पारिवारिक भूमि के हितों को साधने में छल व षड्यन्त्र पूर्वक कार्य किया गया है तथा निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग एवं संभागीय योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय उज्जैन के अधिकारीगणों की भूमिका भी परिलक्षित हुई है। जांच के दौरान पाया कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारीगण द्वारा तत्कालीन विधायक पारस चन्द्र जैन की निजी कृषि भूमि उनकी पत्नी अंगुरबाला एवं उनके भाई विमल कुमार जैन की पत्नी संगीता जैन के नाम से शासकीय राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है, जो कि खसरा नंबर 9 में स्थित है, पर उक्त नाले की सुरक्षा दीवार बनाया जाना पाया गया है। उक्त भूमि से लगी हुई निर्मित नाले की भूमि खसरा नंबर 10 में होकर शासकीय भूमि है एवं उक्त नाले से लगी हुई कृषि भूमि खसरा नंबर 9 पर नाले की सुरक्षा दीवार नाले के तटबंध की ऊंचाई से भी कहीं 10 फीट अधिक और कहीं पर 6 फीट के लगभग अधिक बॉउण्ड्रीवॉल/सुरक्षा दीवार का निर्माण किया गया है। जबकि निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग से प्राप्त दस्तावेजों एवं योजना एवं सांख्यिकी विभाग से प्राप्त दस्तावेजों में नाले की शासकीय भूमि खसरा नंबर 1 पर सुरक्षा दीवार बनाया जाना उल्लेखित किया है।

पूर्व मंत्री पारस जैन सहित इन अधिकारियों के खिलाफ हुआ प्रकरण दर्ज

जांच के दौरान तत्कालीन विधायक पारसचंद्र जैन, उज्जैन उत्तर मध्यप्रदेश विधानसभा, राजेन्द्र कुमार जैन तत्कालीन अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग उज्जैन मण्डल उज्जैन, जी.पी. पटेल तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग उज्जैन मण्डल उज्जैन, गौतम अहिरवार, कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग उज्जैन, संदीप बेनीवाल, अनुविभागीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग संभाग उज्जैन, शरद त्रिपाठी, उपयंत्री, लोक निर्माण विभाग उज्जैन एवं डॉ. राजश्री सांकले, जिला सांख्यिकी अधिकारी, योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय उज्जैन एवं अन्य के द्वारा पद का दुरुपयोग कर आपसी षड्यन्त्र कर छलपूर्वक शासकीय विधायक निधि की राशि को उज्जैन शहर के पिंग्लेश्वर मार्ग पर स्थित पिल्याखाल नाले पर सुरक्षा दीवाल के नाम पर तत्कालीन विधायक पारसचन्द्र जैन की निजी जमीन की सुरक्षा के लिये बाउण्ड्री वॉल के निर्माण कार्य में उपयोग कर शासन को लगभग 153.72 लाख रुपये का कार्य निजी हित में किया जाकर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचायी जा चुकी है। शेष निर्माण कार्य हेतु 44.76 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति योजना एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी की जा चुकी है।

प्रशासकीय स्वीकृति वर्तमान कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग के तकनीकी स्वीकृति पर जारी हुई है, जिसका कार्य अभी किया जाना शेष है। इस प्रकार 153.72 लाख रुपये की आर्थिक क्षति शासन को पहुंचाने संबंधी प्रतिवेदन पर मुख्यालय के आदेशानुसार 153.72 लाख रुपये की आर्थिक क्षति शासन को पहुंचाया जाना प्रथम दृष्ट्या प्रमाणित पाये जाने पर तत्कालीन विधायक पारसचंद्र जैन, उज्जैन उत्तर मध्यप्रदेश विधानसभा, जिला उज्जैन, राजेन्द्र कुमार जैन तत्कालीन अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग उज्जैन मण्डल उज्जैन, जिला उज्जैन, जीपी पटेल तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग उज्जैन मण्डल उज्जैन, जिला उज्जैन, सीमा सागर, अनुविभागीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग उज्जैन, जिला उज्जैन, संदीप बेनीवाल, अनुविभागीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग संभाग उज्जैन, जिला उज्जैन, शरद त्रिपाठी, उपयंत्री, लोक निर्माण विभाग उज्जैन, जिला उज्जैन, गौतम अहिरवार, कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग उज्जैन, डॉ. राजश्री सांकले, जिला सांख्यिकी अधिकारी, योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय उज्जैन, जिला उज्जैन एवं अन्य के विरूद्ध धारा 7, 13(1)ए, 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) एवं 420, 120बी भारतीय दण्ड विधान के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया, जिसकी विवेचना डॉ. बसंत श्रीवास्तव निरीक्षक द्वारा की जा रही है। शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत में उल्लेखित 2 बीघा नाले से लगी हुई शासकीय जमीन पर कब्जे की जांच विवेचना में की जाएगी।