इंदौर  ।   हुकमचंद मिल मामले में मंगलवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट में परिसमापक ने कहा कि श्रमिकों ने अभी तक आनलाइन फार्म जमा नहीं किए है। इस कारण उनके खाते में राशि जमा नहीं हो पा रही है। श्रमिकों के वकील ने कोर्ट में बताया कि जिस तरह पिछली बार श्रमिकों के खातें में पैसा जमा हुआ था, उस प्रक्रिया के तहत तीन हजार से ज्यादा फार्म परिसमापक के समक्ष आफलाइन जमा कराए जा चुके है, लेकिन अभी तक भुगतान नहीं हुआ है,जबकि कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान ही मजदूरों का भुगतान जल्द से जल्द करने को कहा था। श्रमिकों की तरफ कहा गया कि श्रमिकों को आनलाइन फार्म जमा करने में परेशानी आ सकती है। आफलाइन फार्म जमा हो रहे है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि श्रमिकों व उनके परिवारों के खाते में राशि जल्दी दी जाए।

इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की जाए, जो श्रमिकों की तरफ से प्राप्त हुए फार्म को सत्यापित करेगी। पहले उन श्रमिकों को पात्रता होगी, जो अभी तक जीवित है। इसके बाद श्रमिकों की पत्नी व अन्य वारिसों के प्रकरणों की जांच कर राशि उनके खातों में जमा होगी। आपको बता दे कि हुकमचंद मिल के पांच हजार से श्रमिक और उनके परिजनों के खाते में 218 करोड़ रुपये की राशि जमा की जाना है। मप्र गृह निर्माण मंडल ने 20 दिसंबर को यह राशि परिसमापक के खाते में जमा कर दी है, लेकिन अभी तक श्रमिकों के खाते में पैसा नहीं आया। पिछले माह एक बड़ा आयोजन भी हुआ था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चूअली जुड़े थे और श्रमिकों से बात भी की थी। श्रमिकों के अलावा अन्य देनदार बैंकों और संस्थानों को भी भुगतान हाऊसिंग बोर्ड करेगा।