हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र में मां गंगा पृथ्वी में अवतरित हुई थीं। इसलिए इस दिन को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गंगा स्नान के साथ दान करने का विशेष महत्व है। गंगा स्नान करने से रिद्धि-सिद्धि, यश-सम्मान की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं गंगा पूजन करने से मांगलिक दोष, कर्ज से छुटकारा मिलता है।

तरक्की के लिए : गंगा दशहरा के दिन स्नान करने के साथ एक तांबे के लोटे में गंगाजल या जल लें। इसमें सिंदूर और थोड़ा सा अक्षत डालकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। इसके साथ ही सूर्य के मंत्र ' ऊँ सूर्याय नम:' मंत्र का उच्चारण करें। ऐसा करने से समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा, साथ ही तरक्की होगी।
कर्ज के लिए : कर्ज से छुटकारा पाने के लिए काला धागा लेकर अपनी लंबाई का नाप कर निकाल लें। इसके बाद एक नारियल लें और उसमें धागा बांधते हुए अपने आराध्य से कामना कर लें। इसके बाद शाम के समय बहते जल में प्रवाहित कर दें।
निरोग रहने के लिए : अगर व्यक्ति चाहता है कि कभी भी उसे किसी तरह की बीमारी का सामना न करना पड़े, तो इसके लिए गंगा स्नान करने के बाद इन स्त्रोत का पाठ करें- 'ॐ नमः शिवायै गंगायै शिवदायै नमो नमः। नमस्ते विष्णु रूपिण्यै, ब्रह्ममूर्त्यै नमोऽस्तु ते॥
धन लाभ के लिए : बिजनेस या फिर नौकरी में तरक्की चाहते है, तो गंगा दशहरा के दिन पीने वाला पात्र किसी ब्राह्मण या फिर जरूरतमंद को दान कर दें।गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने के बाद एक लोटे में गंगाजल लें और शिव जी का अभिषेक कर दें। इसके साथ ही थोड़ा जल बचाकर घर ले आएं और पूरे घर में छिड़क दें। इससे आपके घर में सुख-शांति, खुशहाली छाई रहेगी।