गुना की सेमरी घाटी पर हुए हादसे के चश्मदीद ने बताया सच।

गुना के आरोन -सिरोंज हाइवे पर सेमरी घाटी के पर हुई डंपर बस की भिड़ंत के मामले को लेकर चार सदस्यीय जांच कमेटी बना दी है।इस मामले में सीएम डॉ मोहन यादव के दौरे के बाद गुना कलेक्टर तरुण राठी और एसपी विजय खत्री को हटा दिया गया।
वहीं लापरवाही बरतने के चलते गुना आरटीओ रवि बरेलिया और सीएमओ नगरपालिका वी डी कतरोलिया को सस्पेंड कर दिया गया है।
वहीं इस घटना की ग्राउंड रिपोर्टिंग के दौरान बड़े चोंकाने वाला सच सामने आया है।
इस मामले में जब घटनास्थल का बारीकी से मुआयना किया गया,तो एक बड़ा सच घटना को लेकर चश्मदीद ने बताया जिसे अब तक दबाया जा रहा है।इस मामले में बस में लगी आग से 13 जिंदगियां जल कर मौत के मुंह मे समा गईं,लेकिन इस बस में आग लगने और उन मौतों का जिम्मेदार वह डंपर चालक है,जिसने लापरवाही से डंपर को दौड़ाते हुए बस में टक्कर दे मारी।
डंपर चालक के नशे में होने और उसके ड्रिंक करने का खुलासा भी एक चश्मदीद ने किया है।वहीं डंपर चालक की इस घटना में जान चली गई है, अब उसकी जो शार्ट पीएम रिपोर्ट की जो जानकारी मिली है उसमें डंपर चालक की बॉडी में अल्कोहल की पुष्टि हुई है।

गुना से आरोन के लिए रवाना हुई निजी यात्री बस में आग लगने के बाद हुई 13 लोगों की मौत से हर कोई सदमे में है।वहीं इस घटना में ग्राउंड पर जाकर जब जानकारी ली गई तो इस मामले में बस में आग लगने से हुई मौतों को लेकर एक चश्मदीद दल्ला बंजारा ने चोंकाने वाला सच बताया है,जिसमे दल्ला बंजारा ने कहा कि वह गुरैया ढावे के पास बनी क्रेसर पर मजदूरी करता है,रोज की तरह घटना वाली रात भी वह जब अपने छिपोन स्थित घर जाने के लिए साधन ढूंढ रहा था तभी उसे डंपर चालक खाना खाकर बाहर डंपर की तरफ जाता दिखाई दिया उसने जब डंपर चालक से उसे गांव की सड़क पर छोड़ने को कहा तो वह लड़खड़ाते हुए उनसे ज्यादा पैसे मांगने लगा,जिस पर दल्ला बंजारा ने उसे नशे की हालत में देखकर उसके साथ जाने से मना कर दिया,फिर डंपर चालक हिलता हुआ डंपर चालू कर चल दिया वहीं दल्ला को भी दूसरा साधन मिलने से वह भी डंपर के पीछे आ गया,डंपर चालक इतनी तेजी से इधर उधर कर वाहन दौड़ाते हुए चला रहा था।
जब दल्ला गांव पहुंचा तो थोड़ी देर में ही डंपर की टक्कर की खवर फेल गई,बस में आग लगने की खबर फैलते ही गांव के लोगों के साथ वह जब घटना वाली जग ह पर पहुंचा तो यह वही डंपर था जिसमें दल्ला ने बैठने से मना कर दिया था।