रायपुर ।   लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई तेज हो गई है। महादेव एप सट्टा मामले में भ्रष्टाचार को लेकर ईडी ने अपने 1800 पन्नों के पूरक आरोप पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम का उल्लेख किया है। इसमें महादेव एप मामले में 508 करोड़ के लेनदेन का भी जिक्र है। वहीं ईडी की जांच में कथित कोयला घोटाला मामले में भी ईडी की विशेष कोर्ट ने वर्तमान कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी है। इतना ही नहीं, प्रदेश के कई कांग्रेस नेता ईडी की जांच की राडार पर हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक बार फिर अपना पक्ष मजबूती से रखने की चुनौती होगी। हालांकि अभी भी प्रदेश की 11 लोकसभा सीटों में नौ सीटों पर भाजपा और दो सीटों पर ही कांग्रेस के लोकसभा सदस्य हैं।

चुनाव में भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस पर हमलावर रही भाजपा

राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि इसके पहले विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा अपने चुनावी प्रचार में ईडी की कार्रवाई और भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस पर हमलावर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चुनावी मंचों से भूपेश सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप मढ़ते रहे।

विधानसभा चुनाव प्रचार में ईडी पर केंद्रित पृष्ठभूमि का भाजपा को फायदा भी मिला है। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में से 54 सीट हासिल करके बड़ी जीत हासिल की और कांग्रेस को 35 सीटें ही जीत पाई। जबकि एक सीट गोडवाना गणतंत्र पार्टी के खाते में गई है।

महादेव एप मामले में नाम उछलने से कांग्रेस को नुकसान

राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले ही ईडी की कार्रवाई के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का महादेव एप मामले में नाम उछलने के कारण कुछ हद तक इसका प्रभाव चुनाव में पड़ा और कांग्रेस को हानि उठानी पड़ी।

जबकि इसके पहले भूपेश और टीएस सिंहदेव के नेतृत्व में प्रदेश की जनता ने विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस को 68 सीटों पर जिताकर बड़ी जीत दिलाई थी। 15 साल तक सत्ता में रही पूर्ववर्ती डा. रमन सिंह की सरकार 15 सीटों पर ही सिमट गई थी। प्रदेश में एक फिर से ईडी की धमक होने से सियासत गरमा चुकी है। संभावना जताई जा रही है कि लोकसभा के पहले भ्रष्टाचार के आरोपितों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है।

अब लोस चुनाव, भाजपा के पास कोई हथियार नहीं: भूपेश

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ईडी के मामले में मीडिया से चर्चा में कहा कि कुछ दिन पहले मैंने कहा था कि अभी ईडी की कोई गतिविधि दिख नहीं रही है, लेकिन फिर से जिन बाहर निकला है। अब लोकसभा चुनाव नजदीक है, इनके(भाजपा) पास कोई हथियार नहीं है।

विपक्ष के नेताओं को बदनाम करो, ईडी के माध्यम से बदनाम करो। इसके अलावा उनके पास कुछ नहीं है। यह पुरानी बात है जो विधानसभा के समय चली थी। कोई नई बात नहीं है, लेकिन उसको ऐसा मीडिया हाइप दिए हैं कि वह स्टेट से लेकर नेशनल तक चला है। भूपेश बघेल दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। नौ जनवरी को कांग्रेस की एलाइंस कमेटी की बैठक में शामिल होंगे।

अब ईडी का उतना असर नहीं

टीएस सिंहदेव पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव दोनों अलग-अलग चुनाव हैं। यह सही है कि विधानसभा चुनाव में ईडी की कार्रवाई का ज्यादा असर पड़ा था। हालांकि इन्होंने आरोप पत्र में किसी अन्य के बयान के आधार पर आरोप लगाया है। मेरा मानना है कि लोस चुनाव में ईडी की कार्रवाई का उतना असर नहीं पड़ेगा।

राजनीतिक लाभ से कोई लेना-देना नहीं

केदारनाथ भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता ने कहा कि देश में स्वतंत्र एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहते रहे कि भाजपा के इशारे से जांच हो रही है। ऐसा चुनाव में लाभ पाने के लिए किया जा रहा है। अगर ऐसा होता तो विधानसभा चुनाव से पहले ही ईडी उन्हें आरोपित बना देती। जांच का चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है।

अब झूठा प्रचार नहीं चलेगा: कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा ने 2023 के विधानसभा चुनाव में झूठ बोलकर चुनाव लड़ा। केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से हमारे नेताओं, मुख्यमंत्री की छवि धूमिल करने की कोशिश की। चुनाव से पहेल मुख्यमंत्री के खिलाफ झूठ फैलाया है, लोगों को भ्रमित किया। अब लोकसभा चुनाव में यह भ्रम नहीं चलेगा। किसानों की आय दोगुनी का वादा किया मगर किसान बदहाल हैं। महंगाई चरम पर है।