हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने दो चतुर्थी की तिथि आती है एक कृष्ण पक्ष में तो दूसरी शुक्ल पक्ष में. शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को ही विनायक चतुर्थी कहा जाता है. विनायक चतुर्थी का दिन भगवान गणेश को समर्पित है. इस दिन भगवान गणेश को मोदक और दूर्वा चढ़ाने के साथ विधि विधान पूर्वक पूजा करने से विशेष कृपा बरसती है. साथ ही घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है. वहीं, भगवान गणेश को शुभकर्ता और विघ्नहर्ता भी माना जाता है.

देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने बताया कि साल 2024 का पहला विनायक चतुर्थी व्रत 14 जनवरी को रखा जाएगा. इस दिन लोहड़ी का पर्व भी देश भर में मनाया जाएगा. विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा आराधना करनी चाहिए. वहीं, इस दिन चंद्र दर्शन कर चंद्रमा को अर्घ्य देने से सभी प्रकार के रोग, दोष और कष्ट समाप्त हो जाते हैं. साथ ही इस दिन मूषक पर सवार भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर की पूजा करना शुभ माना जाता है.

कब से शुरू हो रही चतुर्थी तिथि
ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, पौष माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 14 जनवरी सुबह 05 बजकर 15 मिनट से होने जा रही है. वहीं समापन अगले दिन यानी 15 जनवरी को सुबह 07 बजकर 36 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, नए साल का पहला विनायक चतुर्थी व्रत 14 जनवरी को रखा जाएगा.

क्या करें इस दिन
विनायक चतुर्थी के दिन मूषक पर सवार भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र की पूजा आराधना करनी चाहिए. इससे पूरे परिवार में हंसी-खुशी का माहौल रहता है. साथ ही विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रमा को अर्घ देने से सभी प्रकार के रोग-दोष समाप्त हो जाते हैं. भगवान गणेश को मोदक के लड्डू और दूर्वा घास बेहद प्रिय है, इसलिए विनायक चतुर्थी के दिन दुर्वा की 21 गांठ “इदं दुर्वादलं ॐ गं गणपति नमः’; मंत्र का जाप कर अर्पण करें. श्री गणेश प्रसन्न होते हैं और आपकी मनोकामना जल्द पूर्ण होगी.