मुंबई । इस साल जनवरी में उड़ानों में देरी होने से 4.82 लाख या‎त्रियों पर असर पड़ा है, जिसके मुआवजे के तौर पर एयरलाइन कंपनियों को 3.69 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ा। मासिक हवाई यातायात आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की तरफ से जारी ‎किए गए आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में घरेलू यात्रियों की संख्या पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 4.69 प्रतिशत बढ़कर 1.31 करोड़ हो गई। जनवरी, 2023 में घरेलू यात्री यातायात 1.25 करोड़ रहा था। आंकड़ों के अनुसार पिछले महीने उड़ानों में देरी के अलावा विभिन्न एयरलाइंस ने 1,374 यात्रियों को विमान में सवार होने से रोक दिया था। इसकी वजह से वैकल्पिक उड़ानों के इंतजाम और ठहरने एवं खानपान सुविधा देने पर 1.28 करोड़ रुपये खर्च हुए। डीजीसीए के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में उड़ानों के रद्द होने पर एयरलाइंस ने 68,362 यात्रियों को रिफंड और दोबारा बुकिंग की पेशकश के साथ 1.43 करोड़ रुपये भी हर्जाने के तौर पर दिए। घरेलू यात्री यातायात के मोर्चे पर पिछले महीने इंडिगो ने 79.09 लाख यात्रियों के साथ 60.2 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल की। इसके बाद 15.97 लाख यात्रियों के साथ एयर इंडिया की 12.2 प्रतिशत हिस्सेदारी रही।