जनवरी-मार्च तिमाही में खुदरा महंगाई औसतन 6.34 फीसदी रही है। एनएसओ ने कहा, रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से खाद्य तेलों की कीमतों में उछाल आया है। इक्रा की अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, मौद्रिक नीति समिति ने अपने रुख में बदलाव का संकेत दिया है। महंगाई अगर नहीं घटती है तो ब्याज दरों में बढ़ोतरी जून से शुरू हो सकती है।
खाने-पीने की वस्तुओं के दाम बढ़ने से मार्च में खुदरा महंगाई लगातार तीसरी महीने आरबीआई के काबू से बाहर निकल गई। इसकी सबसे ज्यादा मार ग्रामीण इलाकों पर पड़ी, जहां खुदरा महंगाई बढ़कर 7.66 फीसदी पहुंच गई। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में खाद्य वस्तुओं के दाम 7.68 फीसदी बढ़े। इससे पिछले महीने इनकी महंगाई 5.85 फीसदी थी। मार्च, 2021 में खुदरा महंगाई 5.52 फीसदी और खाद्य महंगाई 4.87 फीसदी पर थी।