नई दिल्ली । ग्रीस इनदिनों अपने देश में कर्मचारियों की कमी से जुझ रहा है। इस लेकर ग्रीस ने भारत से मदद मांगी है। ग्रीस के अप्रवासी मंत्रालय ने ऐलान किया था कि भारत और ग्रीस में कामगारों को लेकर डील लगभग पक्की हो चुकी है। ग्रीस के माइग्रेशन मिनिस्टर दिमित्रीस कैरिडिस के मुताबिक भारत से 5 से 10 हजार कामगारों को ग्रीस ले जाया जाएगा। इसी संख्या में जॉर्जिया और माल्दोवा से भी लोग जाएंगे। 
ग्रीस की योजना में शामिल होने के लिए पाकिस्तान ने भी ग्रीस सरकार से संपर्क किया था लेकिन सरकार ने पाकिस्तान की अर्जी को नजरअंदाज कर दिया। पाकिस्तानी जनता आए दिन इस बात की शिकायत करती रहती है कि उन्हें गिने-चुने देशों के अलावा कहीं काम नहीं करने दिया जाता है। जनता इसके पीछे पाकिस्तान की विदेश नीति को कोसती है। ग्रीस के श्रम और सामाजिक इंश्योरेंस मंत्री एडोनिस जॉर्जियाडिस ने कहा, मुझसे बहुत से लोग पूछते हैं कि कौन से देश हैं जिनके साथ हम कामगारों को ग्रीस लाने की बात कर रहे हैं। वे हैं जॉर्जिया, भारत और मोल्दोवा। इसके बाद फिलीपीन, वियतनाम और आर्मेनिया भी इसमें शामिल हैं। पाकिस्तान इसमें शामिल नहीं है। 
कैरिडिस ने कहा, ग्रीस में खासतौर से कृषि क्षेत्र में कामगारों की कमी है। हम अपने यहां इसतरह के लोगों को चाहते हैं जो अमन पसंद हों और शांति से अपना काम करें। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि हमारे यहां काम करने वाले लोग तुर्की के इस्लामवादी एजेंडे की बातें ना करें। वे वीजा खत्म होने पर ग्रीस से अपने देशों में लौट जाए।