भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार आनलाइन गेमिंग पर टैक्स वसूलने की तैयारी कर रही है। इसके लिए आगामी सात फरवरी से होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में अध्यादेश के स्थान पर संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा। राज्य सरकार ने कैबिनेट की स्वीकृति के बाद विधि एवं विधायी कार्य विभाग ने मध्य प्रदेश माल एवं सेवा कर संशोधन अध्यादेश 2024 की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके माध्यम से आनलाइन गेमिंग को जीएसटी के दायरे में लाने का प्रविधान किया गया है। जीएसटी परिषद ने आनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का निर्णय लिया है। अभी तक अधिनियम में इसको लेकर प्रविधान नहीं था। जीएसटी काउंसिल में निर्णय के बाद शिवराज कैबिनेट ने सितंबर 2023 को मध्य प्रदेश माल एवं सेवा कर संशोधन अध्यादेश के प्रारूप का अनुमोदन किया था, लेकिन इसे विधानसभा में प्रस्तुत नहीं किया जा सका था, इसलिए फिर से अध्यादेश लाया गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम के अंतर्गत जुआ खेलना टैक्स के दायरे में है। आनलाइन गेमिंग के लिए जीएसटी में अलग से कोई एंट्री नहीं है। कुछ राज्यों ने आनलाइन गेमिंग को जुआ मानकर टैक्स लगा दिया। मामला उच्चतम न्यायालय गया और कहा गया कि आनलाइन गेमिंग को जुआ नहीं कह सकते हैं। इस तरह उस पर टैक्स भी नहीं लगाया जा सकता है, इसलिए संशोधन करके अलग से एंट्री लाई गई है और फिर उस पर टैक्स लगाया गया है। जीएसटी परिषद की अनुशंसा पर केंद्र सरकार टैक्स लगा चुकी है। इसकी परिधि में दांव लगाना, कैसिनो, ध्रूतक्रीड़ा, घुड़दौड़, लाटरी, आनलाइन धनीय गेम शामिल हैं।सात फरवरी से होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में अध्यादेश के स्थान पर संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा।