इंदौर ।   केस एक- एसडीएम के रीडर सालों से जिम में व्यायाम कर रहे थे। एक दिन ट्रेडमिल पर व्यायाम करते हुए अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी। तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन जान नहीं बच सकी। जांच में पता चला कि हार्टअटैक से उनकी जान गई है।

केस दो - स्त्रीरोग विशेषज्ञ सेहत को लेकर सजग थे और सालों से साइकिलिंग और मैराथन में हिस्सा ले रहे थे। साइकिलिंग करते हुए एक दिन अचानक दिल का दौरा पड़ गया। अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन मौत हो गई।
ये दो उदाहरण हैं इस बात के कि कैसे अत्याधिक व्यायाम आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। हाल ही में कामेडियन राजू श्रीवास्तव की वर्कआउट के तुरंत बाद तबीयत बिगड़ गई। उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। वे फिलहाल वेंटिलेटर पर हैं और डाक्टर उनकी जान बचाने में लगे हैं। डाक्टरों का कहना है कि ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जब वर्कआउट के बाद लोगों की तबीयत खराब हो गई और उनकी मौत हो गई। दरअसल खुद को सेहतमंद रखने के लिए कई बार लोग अत्याधिक व्यायाम कर लेते हैं। यह शरीर को फायदा पहुंचाने के बजाय नुकसान पहुंचाता है। डाक्टरों का कहना है कि बगैर डाक्टरी सलाह के भारी व्यायाम शरीर के लिए नुकसानदायक होते हैं।

अचानक बन जाता है क्लाट

हृदय रोग विशेषज्ञ डा.एके पंचोलिया के मुताबिक दिल की नसों में बचपन से ही एक पदार्थ जमने लगता है। मेडिकल भाषा में इसे प्लेग कहते हैं। जब व्यक्ति अत्याधिक व्यायाम करता है तो हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इसके चलते प्लेग टूट जाते हैं। प्लेग से निकला पदार्थ रक्त के साथ मिलकर नसों को जाम कर देता है। फलस्वरूप अचानक से दिल की गतिविधियां बाधित हो जाती हैं। ट्रेडमिल व्यायाम, साइकिलिंग, दौड़ना जैसे व्यायाम करते वक्त ऐसा होने की आशंका ज्यादा रहती है।

मधुमेह या उच्च रक्तचाप है तो जांच करवाने के बाद ही करें व्यायाम

हृदय रोग विशेषज्ञों के मुताबिक जिन लोगों को मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसे कोई रोग हैं उन्हें डाक्टर से जांच करवाने के बाद ही व्यायाम करता चाहिए। प्लेग जमने की प्रक्रिया इतना धीमी होती है कि सामान्यत: व्यक्ति को इसका अहसास ही नहीं होता। कई बार यह भी होता है कि कोई व्यक्ति सालों साल व्यायाम करता रहे लेकिन उसे कोई दिक्कत न हो और एक दिन अचानक दिल का दौरा पड़ जाए।