देश में बढ़ती महंगाई ने आम आदमी के लिए कई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भी लोगों को अधिक पैसा देना पड़ रहा है. इसी बीच आम लोगों के लिए एक राहत भरी खबर आई है. आपको बता दें कि खाने वाले तेल के दामों में भारी गिरावट दर्ज की गई है. खबर है कि आयातित सस्ते खाद्य तेलों के कारण स्थानीय मंडियों में तेल-तिलहनों पर भारी गिरावट जारी है और शनिवार को भी कीमतों में ये गिरावट देखी गई. सूत्रों की मानें तो मलेशिया एक्सचेंज सोमवार तक बंद है जिसकी वजह से पाम और पामोलीन तेल के दाम में पहले की अपेक्षा ज्यादा गिरावट देखी गई है.

दिल्ली की मंडी में भाव

दिल्ली की नरेला मंडी और नजफगढ़ मंडी में सरसों समर्थन मूल्य 5,450 रुपये प्रति क्विंटल से काफी नीचे है. शनिवार को 38 फीसदी तेल कंडीशन वाले सरसों का भाव खुले में 46-47 सौ रुपये रुपये प्रति क्विंटल रहा है. बाजार के सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में यह स्थिति है, तो दूसरे राज्यों में हालत और खराब होंगे. सरकार हालांकि किसानों से समर्थन मूल्य पर सरसों खरीद रही है, लेकिन यह नाकाफी साबित हो रहा है. किसानों का कहना है कि इससे उन्हें और तेल उद्योग दोनों को भारी नुकसान हो रहा है. इसकी वजह से आगे स्थिति और खराब हो सकती है क्योंकि देश की आयात पर 60 प्रतिशत निर्भरता होने के बावजूद घरेलू तिलहन की खपत नहीं हो पा रही है.