नई दिल्ली। अंतरिम बजट से कुछ दिन पहले जारी समीक्षा में मंत्रालय ने कहा कि अब संभावना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्तवर्ष 2024 के लिए 7 प्रतिशत या उससे अधिक की वृद्धिदर हासिल करेगी, जबकि कुछ का अनुमान है कि यह वित्तवर्ष 25 में भी 7 प्रतिशत वास्तविक वृद्धि हासिल कर लेगी। यदि वित्त वर्ष 2015 के लिए पूर्वानुमान सही साबित होता है, तो यह महामारी के बाद चौथा वर्ष होगा, जब भारतीय अर्थव्यवस्था 7 प्रतिशत या उससे अधिक की दर से बढ़ेगी। वित्त मंत्रालय ने कहा कि यह एक प्रभावशाली उपलब्धि होगी, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन और क्षमता की गवाही देगी। आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) द्वारा जारी द इंडियन इकोनॉमी: ए रिव्यू अपने दूसरे अध्याय में अन्य चीजों के अलावा कल्याण के नए दृष्टिकोण के बारे में बात करता है। समीक्षा का पहला अध्याय देश की अर्थव्यवस्था के अतीत, वर्तमान और भविष्य का अवलोकन प्रदान करता है जबकि दूसरा अध्याय सरकार की नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न मापदंडों पर प्रगति पर विस्तृत नज़र डालता है। देश के मानव संसाधनों को संतुलित विकास और क्षमतापूर्ण कल्याण बताते हुए समीक्षा में कहा गया है कि पिछले एक दशक में भारत के कल्याण प्रतिमान में एक बड़ा परिवर्तन आया है, जो एक अधिक टिकाऊ, कुशल और सशक्त मॉडल के रूप में विकसित हुआ है। इसमें कहा गया है कि इस बदलाव ने न केवल कल्याणकारी पहलों को क्षमता निर्माण आयाम प्रदान किया है, बल्कि देश में दीर्घकालिक मानव विकास के लिए एक मजबूत नींव भी रखी है।