जबलपुर ।  हाई कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि ट्रांसपोर्ट नगर व्यावसायियों की शिकायत की जांच कर उनका नियमानुसार निराकरण करें। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने इसके लिए 60 दिन की मोहलत दी है। याचिकाकर्ता जबलपुर गुड्स ट्रांसपोर्ट (टेक्निक) एसोसिएशन के कार्यकारिणी सदस्य महेंद्र सिंह ठाकुर की ओर से अधिवक्ता कबीर पॉल ने पक्ष रखा।

यह दी गई दलील

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ने हाई कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि वर्ष 1991 में दमोहनाका के पास ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना हुई थी। इसमें ट्रक ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय के लिए ट्रांसपोर्टरों, मैकेनिकों एवं आटो पार्टस् संबंधी व्यवसाय करने वालों को 30 वर्ष की लीज पर भूखंड दिए गए थे। याचिका में आरोप है कि पिछले 30 वर्षों में अनेग गैर व्यवसायियों द्वारा फर्जी ट्रांसपोर्टरों ने भूखंड आवंटित करा लिए। लीज की शर्तों के अनुसार उक्त भूखंडों को किराए पर देने का प्रविधान नहीं है। आरोप है कि अनेक लीजधारकों ने गोदाम बनाकर अन्य लोगों को किराए पर दे दिए हैं। याचिका में बताया गया कि ट्रांसपोर्ट व्यवसाय के स्थान पर यहां मिठाई, तेल, फर्नीचर, डेंटल क्लीनिक, डांस क्लासेस, फ्लेक्स प्रिंटिंग, डिस्पोजल फैक्टरी आदि संचालित हो रही हैं। इस संबंध में नगर निगम और जिला प्रशासन को कई बार शिकायतें प्रस्तुत की गईं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई इसलिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।