इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बंदूकधारियों ने जेयूआई-एफ प्रमुख फजलुर रहमान के काफिले पर घात लगाकर हमला किया जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के काफिले पर 31 दिसंबर को हमला किया गया। क्योंकि अज्ञात बंदूकधारियों ने डेरा इस्माइल खान में पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) नेता के काफिले पर गोलीबारी की। घटनाक्रम से परिचित लोगों ने बताया कि यह आकलन करना जल्दबाजी होगी कि हमलों का नेतृत्व किसने किया, लेकिन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और उन तत्वों की ओर उंगली उठाई जो नहीं चाहते कि 8 फरवरी को चुनाव हों।
पाकिस्तानी गृह मंत्रालय ने भी 29 दिसंबर को खतरे का अलर्ट जारी किया था। शुरुआती जांच से पता चला है कि मौलाना फजलुर रहमान के काफिले की दो गाड़ियां थीं जो ईंधन भरने के लिए यारक टोल प्लाजा पर आई थीं, जबकि टोल प्लाजा पर हमला चल रहा था। घटनाक्रम से परिचित लोगों ने बताया कि एक गोली एक वाहन पर लगी, लेकिन रहमान वाहन में नहीं थे और अब्दुल अपने गांव में थे। उनकी पार्टी के प्रवक्ता आतिफ गौरी ने हमले की निंदा कर तत्काल जांच की मांग की। उन्होंने बताया कि खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में उनकी पार्टी के लिए कोई समान अवसर नहीं है।