छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर में नक्सल दहशत की वजह से एक बार फिर यात्री ट्रेनों के पहिए थम गए हैं। 20 सितंबर तक किरंदुल-विशाखापट्टनम पैसेंजर और नाइट एक्सप्रेस यह दोनों ट्रेनें किरंदुल नहीं जाएगी। इन दोनों ट्रेनों का अंतिम स्टॉपेज दंतेवाड़ा ही होगा। इससे पहले रेलवे ने 7 सितंबर से 10 सितंबर तक ट्रेनों को रोक रखा था, अब तारीख बढ़ा दी गई है। बताया जा रहा है कि, माओवादी अपना भाईचारा दिवस मना रहे हैं।

ईको ईस्ट कोस्ट रेलवे के सीनियर डिवीज़नल कॉमर्शियल मैनेजर एके त्रिपाठी ने बताया कि, ट्रेन संख्या 18514 विशाखापट्टनम किरंदुल नाइट एक्सप्रेस ट्रेन 11 से 18 सितंबर तक किरंदुल न जाकर दंतेवाड़ा में ही रोक ली जाएगी। वहीं 18513 यही ट्रेन अगले दिन दंतेवाड़ा से विशाखापट्टनम के लिए निकलेगी। इसी तरह 08551 विशाखापट्टनम-किरंदुल पैसेंजर ट्रेन 12 से 19 सितंबर तक दंतेवाड़ा में रोकी जाएगी। 08552 ट्रेन दंतेवाड़ा से 20 सितंबर की सुबह विशाखापट्टनम के लिए निकलेगी।

दरअसल, किरंदुल- विशाखापट्टनम रेलवे मार्ग घने जंगल और पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इसी बीच में बासनपुर और झिरका का इलाका नक्सलियों का कोर इलाका माना जाता है। नक्सली जब भी कोई दिवस मनाते हैं तो इसी जगह वारदात को अंजाम देते हैं। इसलिए रेलवे किरंदुल तक पैसेंजर ट्रेनों की आवजाही पर ब्रेक लगा देता है। हालांकि, कुछ महीने पहले तक जगदलपुर में ही यात्री ट्रेनें रोक ली जाती थी। लेकिन, लोगों की मांग के बाद दंतेवाड़ा अंतिम स्टॉपेज किया गया है। दरअसल, इस रूट पर केवल 2 ही यात्री ट्रेन चलती है।