भोपाल : उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रदाय की गुणवत्ता में वृद्धि एवं स्वास्थ्य सेवाओं की उत्कृष्ट मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) के लिए एम्स भोपाल की विशेषज्ञता का लाभ लिया जाएगा। इस व्यवस्था के लिए आपसी समन्वय के साथ कार्ययोजना निर्माण के उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये। शुक्ल ने मंत्रालय में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं एम्स भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों की संयुक्त बैठक में कहा।

प्राथमिक उपचार की गुणवत्ता, गंभीर मरीज़ों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवा एवं विभिन्न क्रिटिकल स्वास्थ्य सेवाओं में एकरूपता से प्राथमिक उपचार की गुणवत्ता में सुधार होगा जो कि गंभीर मरीज़ों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगी। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्राथमिक एवं द्वितीयक स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने के लिए भी एम्स भोपाल से समन्वय कर सुझाव प्राप्त किए जाएँ। उन्होंने स्वास्थ्य शिक्षा प्रदाय में भी एम्स भोपाल की विशेषज्ञता का लाभ लेने के लिए योजनाबद्ध प्रयास के निर्देश दिये।

विदिशा ज़िला चिकित्सालय में मॉडल इमरजेंसी यूनिट और 50 पीएचसी में टेलीमेडिसिन सेवा प्रदान कर रहा है एम्स भोपाल

उप मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि वर्तमान में एम्स द्वारा विदिशा ज़िला चिकित्सालय में इमरजेंसी सेवाओं के प्रदाय के लिये मॉडल यूनिट तैयार कर सेवाओं के प्रदाय का कार्य किया जा रहा है। साथ ही टेलीमेडिसिन सेवाओं के माध्यम से 50 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं। उल्लेखनीय है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने एम्स भोपाल को प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों की इमरजेंसी यूनिट में मौजूदा सुविधाओं का आंकलन कर इसमें सुधार के लिए विशेष फंड दिया है।

गंभीर मरीज़ों को समय पर उचित इलाज उपलब्ध कराकर जीवन को सुरक्षित करने के प्रयास किए जाएँगे मज़बूत

एम्स भोपाल का प्रयास होगा कि प्रदेश में इमरजेंसी यूनिट में सुविधाओं के प्रदाय की गुणवत्ता और मानक प्रचालन प्रक्रिया में एकरूपता लाने के लिये सुझाव दिये जायें। जिससे गंभीर मरीज़ों को समय पर उचित इलाज उपलब्ध कराकर उनके जीवन को संरक्षित करने के प्रयास मज़बूत किए जा सकें। आयुक्त स्वास्थ्य डॉ. सुदाम खाड़े, कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी एम्स प्रो अजय सिंह, उप संचालक प्रशासन एम्स, कर्नल अजीत कुमार, डीन अकादमिक एम्स डॉ. रजनीश जोशी, चिकित्सा अधीक्षक एम्स डॉ. शशांक पुरवार उपस्थित थे।