नई दिल्ली । केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में अंतरिम बजट 2024-25 पेश करते हुए कहा, ‘पिछले एक दशक में प्रत्यक्ष कर संग्रह तीन गुना से भी अधिक बढ़ गया है और रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या बढ़कर 2.4 गुना हो गई है।’ वित्त मंत्री ने करदाताओं को आश्‍वस्‍त किया कि उनके कर योगदान का व्‍यापक उपयोग देश के विकास और देशवासियों के कल्‍याण के लिए किया गया है। उन्‍होंने करदाताओं के व्‍यापक सहयोग के लिए उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा की।
श्रीमती सीतारमण ने यह भी कहा कि नई कर व्‍यवस्‍था के तहत कर दरों को घटा दिया गया है और इसके साथ ही उन्‍हें तर्कसम्‍मत बना दिया गया है। 7 लाख रुपये तक की आय वाले करदाताओं पर अब कोई कर देनेदारी नहीं है, जो कि वित्त वर्ष 2013-14 में महज 2.2 लाख रुपये ही थी। खुदरा व्‍यवसाय के लिए अनुमानित कराधान की आरंभिक सीमा को 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये कर दिया गया। इसी तरह अनुमानित कराधान के योग्‍य माने जाने वाले प्रोफेशनलों के लिए संबंधित आरंभिक सीमा को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये कर दिया गया। इसके साथ ही मौजूदा घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्‍स की दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया गया और कुछ विशेष नई विनिर्माण कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्‍स की दर को घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया।
केन्‍द्रीय वित्त मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले पांच वर्षों में सरकार का फोकस करदाताओं को दी जाने वाली सेवाओं को बेहतर करने पर रहा है। उन्‍होंने कहा, ‘फेसलेस आकलन और अपील की शुरुआत करने के साथ ही अत्‍यंत पुरानी क्षेत्राधिकार आधारित आकलन प्रणाली अब पूरी तरह से बदल गई है जिससे इसमें दक्षता, पारदर्शिता एवं जवाबदेही काफी हद तक बढ़ गई है।’
श्रीमती सीतारमण ने इस बात पर भी विशेष जोर दिया कि अद्यतन आयकर रिटर्न, एक नए फॉर्म 26एएस और पहले से ही भरे टैक्‍स रिटर्न की शुरुआत करने से टैक्‍स रिटर्न भरना अब और भी ज्‍यादा सरल एवं आसान हो गया है जिसके परिणामस्‍वरूप रिटर्न की प्रोसेसिंग में लगने वाला औसत समय वर्ष 2013-14 के 93 दिनों से काफी घटकर इस वर्ष महज 10 दिन रह गया है जिससे रिफंड अब और भी तेजी से करना संभव हो गया है।