भोपाल । पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के दलबदल की अटकलों पर भले ही विराम लग गया हो पर कांग्रेस संगठन के भीतर उनकी विश्वसनीयता अवश्य प्रभावित हुई है। यह पूरा घटनाक्रम तब हुआ जब कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा मध्य प्रदेश में आने वाली है। कमल नाथ समर्थकों की बेरुखी का असर यात्रा पर न पड़े, इसके लिए दिग्विजय सिंह ने मोर्चा संभाल लिया है। पार्टी हाईकमान ने अब राहुल की यात्रा की मध्य प्रदेश की बागडोर दिग्विजय सिंह को सौंप दी है। वह राजगढ़ व गुना के बाद तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए ग्वालियर और मुरैना पहुंचे।
बता दें, यात्रा राजस्थान के धौलपुर से मध्य प्रदेश में दो मार्च को प्रवेश करेगी। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद कमल नाथ प्रदेश की राजनीति से दूरी बनाए हुए हैं। मई, 2018 से बीते साल दिसंबर तक वह पार्टी अध्यक्ष रहे। सभी बड़े कार्यक्रमों में कमल नाथ और दिग्विजय सिंह की भागीदारी दिखती थी लेकिन भारत जोड़ो न्याय यात्रा पहला अवसर है जब दिग्विजय सिंह सारी जिम्मेदारी उठाए हैं और कमल नाथ परिदृश्य से बाहर हैं। यात्रा के लिए प्रदेश कांग्रेस ने जो समितियां बनाई हैं, प्रत्यक्ष तौर पर उनकी बैठकों में भी कमल नाथ कभी शामिल नहीं हुए। कुछ दिनों से उनके दलबदल की अटकलें भी तेज हुईं, जिससे न्याय यात्रा की तैयारियां पीछे छूट गईं और सभी नेता संभावनाओं को टटोलने, विधायक और पदाधिकारियों से संपर्क साधने में जुट गए। कमल नाथ ने आगे बढक़र अटकलों को थामने के लिए स्वयं कोई पहल भी नहीं की। इससे निश्चित तौर पर उनकी विश्वसनीयता भी प्रभावित हुई। हालांकि, मंगलवार को यात्रा की तैयारी को लेकर हुई बैठक में कमल नाथ भी वर्चुअली शामिल हुए और कहा कि मैं यात्रा में शामिल रहूंगा।
पूर्व मुख्यमंत्री कर रहे लगातार बैठकें
यात्रा को सफल बनाने के लिए दिग्विजय सिंह लगातार कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी उनके ही समर्थक माने जाते हैं और उनके अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी संगठन का यह पहला बड़ा कार्यक्रम होने जा रहा है, इसलिए भी उनकी सक्रियता अधिक है। जीतू पटवारी यात्रा मार्ग में आने वाले जिलों के कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं। यात्रा दिग्विजय सिंह के प्रभाव वाले और गृह क्षेत्र राघौगढ़ से गुजरेगी। राघौगढ़ से उनके पुत्र जयवर्धन सिंह विधायक हैं। यहां राहुल गांधी का रोड शो भी रखा गया है। लोकसभा चुनाव पर नजरदिग्विजय सिंह की नजर लोकसभा चुनाव पर भी है। राजगढ़ से प्रियव्रत सिंह को चुनाव लड़ाया जा सकता है। उनका विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर इसमें आता है। हालांकि, वह विधानसभा चुनाव हार गए थे। उनका नाम दावेदारों की सूची में है। राजगढ़ संसदीय क्षेत्र में ही राघौगढ़ भी आता है। गुना लोकसभा क्षेत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रभाव क्षेत्र है, इसलिए इस क्षेत्र में भी दिग्विजय सिंह विशेष रुचि दिखा रहे हैं।