ग्वालियर ।  ग्वालियर के सीनियर सिटिजन अपीलार्थी जयकुमार जैन ने  एक आरटीआई आवेदन 1 फरवरी 2021 को म०प्र० गृह निर्माण मण्डल, ग्वालियर  में दायर की थी। उन्होंने महाराजबाड़ा से हटाये गये व्यक्ति को किराये पर आवंटित दुकानों के रजिस्टर्ड विकय पत्र 'संपादित किये जाने संबंधी जानकारी चाही थी। लगातार एक साल से ऊपर मप्र सूचना आयोग के आदेशों के बावजूद जानकारी को जानबूझकर छुपाते हुए ग्वालियर के एक सीनियर सिटिजन को परेशान करना मध्य प्रदेश गृह निर्माण मंडल के आयुक्त चंद्रमौली शुक्ला को महंगा पड़ गया। राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने चंद्रमौली शुक्ला के "कानून को ताक पर रखने" वाली कार्यशैली की निंदा करते हुए उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। साथ ही सिंह ने पांच दिन में ही आरटीआई आवेदक को फिर से जानकारी देने के आदेश और जानकारी अगर कार्यालय से गायब है तो उसका प्रतिवेदन एफिडेविट पर देने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही पांच हजार रुपए के हर्जाने के आदेश भी दिए है। 

क्या है मामाला

ग्वालियर के सीनियर सिटिजन अपीलार्थी जयकुमार जैन ने  एक आरटीआई आवेदन 1 फरवरी 2021 को म०प्र० गृह निर्माण मण्डल, ग्वालियर  में दायर की थी। उन्होंने महाराजबाड़ा से हटाये गये व्यक्ति को किराये पर आवंटित दुकानों के रजिस्टर्ड विकय पत्र 'संपादित किये जाने संबंधी जानकारी चाही थी। नियम अनुरूप ये जानकारी विभाग मे ही मौजूद होनी चाहिए। जैन के आरटीआई दायर होते ही मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कानूनी कैस होने के चलते जानकारी नहीं देने के लिए विभाग लिखा। ग्वालियर के अधिकारियों ने बाद मे कह दिया कि जानकारी उनके कार्यालय में रिकॉर्ड पर ही नहीं है और  भोपाल हाउसिंग बोर्ड कार्यालय मे ही काग़ज़ मिलेगे। ग्वालियर कार्यालय ने भोपाल कार्यालय को जानकारी देने के लिए भी लिख दिया लेकिन भोपाल कार्यालय के अधिकारी भी जानकारी पर चुप्पी साध गए। 

अधिकारियों ने किया जानकारी के लिए परेशान

आरटीआई कानून में 30 दिन में जानकारी देने का प्रावधान है पर इस मामले में 3 साल बीत जाने के बाद भी जयकुमार जैन को जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई है मध्य प्रदेश गृह निर्माण मंडल ग्वालियर से जब जानकारी नहीं मिली तो जयकुमार जैन ने प्रथम अपील दायर की। जिस पर कार्रवाई करते हुए ग्वालियर के उपायुक्त ने जैन को जानकारी दिलवाने के आदेश जारी किए उसके बाद भी जैन को जानकारी नहीं मिल पाई। विभाग के कई चक्कर काटने के बाद ग्वालियर कार्यालय में जैन को एक पत्र लिखकर सूचित किया कि उनकी चाही गई जानकारी रिकॉर्ड पर नहीं है यह जानकारी भोपाल मुख्यालय में है इसीलिए उनका आरटीआई आवेदन भोपाल मध्य प्रदेश गृह निर्माण मंडल को ट्रांसफर कर दिया गया है। पर भोपाल मध्य प्रदेश गृह निर्माण मंडल के अधिकारियों ने भी जयकुमार जैन को कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं करायी। अखिरकार थक-हार कर जयकुमार जैन ने जानकारी लेने के लिए मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया।