अब मरीजों को मिलेगी ऑनलाइन रिपोर्ट
भोपाल । डॉक्टर को दिखाने के बाद अगर आप भी फाइल को संभालकर रखते-रखते परेशान हो गए हैं तो ये आपको राहत देने वाली खबर है। जी हां अब मरीजों को डॉक्टर से ऑनलाइन रिपोर्ट मिलेगी। मरीज को सिर्फ अपनी यूनीक आईडी को ध्यान रखना होगा। इस आइडी से ही आपको पूरा इलाज मिलेगा। गांधी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हमीदिया अस्पताल में एचआइएमएस के जरिए कंप्यूटराइज्ड प्रिस्क्रिप्शन व सेंट्रल लैब से ऑनलाइन रिपोर्ट मिलेगी। इसके जरिए मेडिकल फाइल संभालने की चिंता नहीं रहेगी। साथ ही मरीज को सिर्फ एचआइएमएस के जरिए जनरेट हुई यूनिक आइडी से पूरा इलाज मिलेगा।
एचआइएमएस के जरिए मरीज का रिकॉर्ड अस्पताल के डाटा सर्वर में सुरक्षित रहेगा। किस डॉक्टर ने अब तक क्या इलाज दिया यह देखा जा सकेगा। साथ ही भविष्य में इन डेटा के आधार पर शोध में भी मदद मिलेगी। इससे मरीजों को फायदा होगा।
हमीदिया अस्पताल में 52 करोड़ की लागत से करीब 27 हजार स्क्वायर मीटर में नए ओपीडी ब्लॉक का निर्माण होगा। सरकार ने अस्पताल के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। साल 2025 तक इसका निर्माण पूरा होने की उम्मीद है। अस्पताल मैनजमेंट के मुताबिक, नए ओपीडी ब्लॉक में ग्राउंड के अलावा सात फ्लोर होंगे, जिसमें पार्किंग व क्रिटिकल केयर यूनिट भी बनाए जाएंगे। बता दें कि निर्माण के लिए 95 करोड़ की निविदाएं जारी की गईं हैं। इसके अलावा इसमें ओपीडी और जीएमपी परिसर में 18 करोड़ से एक हॉस्टल भी बनाया जाना है। सभी विभागों में मरीजों की जांच के लिए सैंपल कलेक्शन का काउंटर बनेगा.इससे मरीजों को सैंपल देने के लिए सेंट्रल पैथोलॉजी लैब तक नहीं जाना पड़ेगा। दवाओं के लिए भी कतार लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
डॉक्टर कंप्यूटराइज्ड प्रिस्क्रिप्शन दें, इसके लिए नई योजना बनाई गई है। अस्पताल में ऑर्थोपेडिक्स, मेडिसिन समेत चार विभागों में सभी डॉक्टरों के लिए कंप्यूटर व इंटरनेट समेत अन्य व्यवस्था कर यह प्रक्रिया लागू करने के आदेश जारी हुए हैं। एचआइएमएस यानी होस्पिटल इंफोरमेशन मेनेजमेंट सिस्टम का पालन न होने पर कार्रवाई भी हो सकती है। डॉ. आशीष गोहिया, अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल का कहना है कि एचआईएमएस के जरिए प्रिस्क्रिप्शन देना अनिवार्य कर दिया गया है। नई शुरूआत के तहत चार विभागों में यह प्रणाली लागू की जा रही है।
हमीदिया अस्पताल में 52 करोड़ की लागत से करीब 27 हजार स्क्वायर मीटर में नए ओपीडी ब्लॉक का निर्माण होगा। सरकार ने अस्पताल के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। साल 2025 तक इसका निर्माण पूरा होने की उम्मीद है। अस्पताल मैनजमेंट के मुताबिक, नए ओपीडी ब्लॉक में ग्राउंड के अलावा सात फ्लोर होंगे, जिसमें पार्किंग व क्रिटिकल केयर यूनिट भी बनाए जाएंगे. बता दें कि निर्माण के लिए 95 करोड़ की निविदाएं जारी की गईं हैं। इसके अलावा इसमें ओपीडी और जीएमपी परिसर में 18 करोड़ से एक हॉस्टल भी बनाया जाना है। सभी विभागों में मरीजों की जांच के लिए सैंपल कलेक्शन का काउंटर बनेगा.इससे मरीजों को सैंपल देने के लिए सेंट्रल पैथोलॉजी लैब तक नहीं जाना पड़ेगा। दवाओं के लिए भी कतार लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।