भोपाल । मध्य प्रदेश टाइगर, लेपर्ड और चीता स्टेट तो है ही, गिद्ध स्टेट भी है। मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व में भी गिद्धों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इनकी गिनती शुरू हो गई है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में भी मैनुअली गिनती की जा रही है। तीन दिन तक यह गणना चलेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदेश में गिद्धों की संख्या 10,000 के पार पहुंच सकती है। गिद्धों की गिनती में टेक्नोलॉजी की मदद ली जा रही है। फोटो, ड्रॉपिंग्स, उनके घोसले आदि से जुड़े साक्ष्यों के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसकी मदद से सॉफ्टवेयर गिद्धों की पहचान करने और उनकी प्रजातियों को पहचाना जा सकेगा।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मध्य प्रदेश में तीन प्रकार के गिद्ध दूसरे देशों से भी आते हैं। इसके अलावा चार प्रकार के गिद्ध भारत में पाए जाते हैं। कुल सात प्रकार के गिद्धों की गणना पूरे भारत में हो रही है। मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ के साथ ही सभी टाइगर रिजर्व क्षेत्रों में तीन दिवसीय गिद्ध गणना गुरुवार को शुरू हुई। बीटों में वनकर्मी गिद्धों की गिनती कर रहे हैं। सुबह साढ़े छह बजे से रात साढ़े आठ बजे तक गिनती होगी। इसके बाद सभी गणनाओं को एकत्रित किया जाएगा।
गिद्धों की गिनती हर दो साल में की जाती है। सात फरवरी 2024 से गिद्धों की गिनती शुरू हुई है। इसके बाद अप्रैल में इन्हें दोबारा गिना जाएगा। जंगलों के साथ-साथ अन्य इलाकों में भी गिद्धों की गिनती की जाएगी। 7 फरवरी 2022 को गिद्धों की गिनती हुई थी। तब एक अनुमान में मध्य प्रदेश में 9,448 गिद्ध मिले थे। वन विहार भोपाल को इस बार गिद्धों की गिनती का नोडल केंद्र बनाया गया है।