उज्जैन  ।   विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी पर मंगलवार तड़के भस्म आरती के दौरान चार बजे मंदिर के पट खुलते ही पंडे पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित भगवान की प्रतिमाओं का पूजन किया। दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से बने पंचामृत से महाकाल का जलाभिषेक किया गया।  प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद भगवान महाकाल को वैष्णव तिलक लगाकर, रुद्राक्ष और गुलाब की माला पहनाकर लाल रंग से आकर्षक श्रृंगार किया गया। श्रंगार के बाद ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्म रमाई गई। भस्म अर्पित करने के पश्चात भगवान महाकाल को रजत मुकुट रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ सुगंधित पुष्प व फलों की माला अर्पित कर राजगिरे के लड्डू व मिष्ठान का भोग लगाया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य स्वरूप के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।

राजस्थान के भक्त ने रजत मुकुट किया दान 

श्री महाकालेश्वर मंदिर में राजस्थान के भीलवाड़ा से पधारे धीरज रमानी ने श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी और समिति सदस्य पुजारी प्रदीप गुरु व यश पुजारी  की प्रेरणा से 1 नग चांदी का मुकुट बाबा महाकाल को अर्पित किया गया। जिसका कुल वजन 3 किलो 756 ग्राम है। मुकुट को सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने प्राप्त कर दानदाता का सम्मान किया गया और विधिवत रसीद प्रदान की गई। यह जानकारी मंदिर प्रबंध समिति के कोठार शाखा के कोठारी मनीष पांचाल द्वारा दी गई।