एमएस धोनी भारतीय क्रिकेट का एक ऐसा नाम है, जिसे कोई भुला नहीं सकता। भारतीय क्रिकेट के लिए धोनी ने जो किया है वो किसी और ने नहीं किया। 2007 में टी20 विश्व कप जीतने के बाद धोनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

धोनी को मिली कप्तानी-

इसके बाद उन्हें भारत की वनडे और टेस्ट टीम की कप्तानी भी सौंपी गई। वे एक सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर थे। धोनी एक ऐसे ऑलराउंडर है, जिसकी तलाश टीम इंडिया को हमेशा थी। धोनी की कप्तानी में भारत ने तीन आईसीसी ट्रॉफी जीती है। इसके बाद से पिछले 10 सालों से भारत कोई आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाया है।

डेब्यू से ही पक्की की जगह-

धोनी ने अपने डेब्यू के बाद से ही टेस्ट और वनडे टीम में अपनी जगह पक्की कर ली। धोनी के रहते हुए पार्थिव पटेल और दिनेश कार्तिक टीम से बाहर रहे। रिद्धिमान साहा को भी टीम में बैकअप के तौर पर इस्तेमाल किया गया।

क्या बोले पार्थिव-

ऐसे में अब पार्थिव पटेल ने धोनी की जमकर तारीफ की और खुलासा किया कि उन्हें टीम इंडिया के लिए क्यों चुना गया। उन्होंने धोनी की सफलता का श्रेय उनको ही दिया है। पार्थिव ने कहा कि "धोनी महान हैं। इसमें कोई शक नहीं है, लेकिन जो आपका पहला कप्तान होता है तो आपके मन में हमेशा उनके लिए एक सॉफ्ट कॉर्नर होता है। और मेरे मन में भी यही है। मैंने चेन्नई सुपर किंग्स के लिए तीन साल तक खेला है। मैं यह कह सकता हूं, लेकिन मैंने अपना टेस्ट डेब्यू या वनडे डेब्यू धोनी के टीम में आने से पहले किया था।"

इस वजह से मिली धोनी को टीम में जगह-

पार्थिव ने फोरम कन्वेंशन सेंटर में एंड्रोलॉजी सम्मेलन की छठा उन्नति में कहा कि "मेरा प्रदर्शन खराब हो गया था। इसलिए धोनी को टीम में चुना गया था। इसलिए मुझे लगता है कि यह श्रेय उनको जाता है। मैंने हमेशा यह कहा है कि आपको सिर्फ एक मौका मिलता है क्योंकि आसपास बहुत सारे खिलाड़ी होते हैं।"