पुलिस ने ट्रिपल मर्डर मिस्ट्री का किया पर्दाफाश।
मंडला जादू टोना के शक में आरोपियों ने दिया वारदात को अंजाम। लोगों का डर दूर करने काटकर पेड़ पर टांग दिया था महिला का सर। महिला की मदद करने के लिए की उसके पति की भी हत्या। आगे चलकर जादू - टोना कर सकती है इस डॉ से कर दी बालिका की भी हत्या। सगे भतीजों ने ही दिया हत्या की वारदात को अंजाम।कल रात सोते वक़्त छत में धारदार हथियार से की गई थी 3 लोगों की हत्या। दादा - दादी और पोती की हुई थी हत्या। मंडला पुलिस ने ट्रिपल मर्डर मिस्ट्री का पर्दाफाश करने में कामयाबी हासिल की है। छत पर सो रहे तीन लोगों की हत्या के मामले से पुलिस ने पर्दा हटा दिया है। हथियारे मृतक के सगे सम्बन्धी ही निकले जिन्होंने जादू - टोना के शक में इस वारदात को अंजाम दिया। बता दे कि कल सुबह ग्राम पातादेई थाना मोहगांव में नर्मद सिंह, सुकरती बाई और उनकी पोती कुमारी महिमा बरकड़े का शव घर की छत पर मिला था। किसी ने धारदार हथियार से गला काटकर इन तीनों की हत्या कर दी थी। हथियारों ने सुकरती बाई का सर धड़ से अलग कर अपने साथ ले गये थे और घटना स्थल से कुछ दूर उसके सर को पेड़ पर लटका दिया था। पुलिस ने इस अंधे ट्रिपल मर्डर की गुत्थी को सुलझा कर आरोपियों को सलाखों के पीछे भेज दिया है।पुलिस की माने तो आरोपियों ने जादू टोना के शक में इस जघन हत्या कांड को अंजाम दिया है। मृतक नर्मद सिंह और सुकरती बाई के सगे दो भतीजों ने मिलकर ही बेरहमी से हत्या कर दी। आरोपी मोतीलाल वरकडे़ और खेतु वरकड़े को शक था कि सुकरती बाई जादू - टोना से उन्हें नुकसान पहुंचाती थी। आरोपियों में से एक के पिता की मौत हो गई और दूसरे के पिता को लकवा लग गया। इन सब के लिए वे सुकरती बाई को ही जिम्मेदार मानते थे जिसकी वजह से उन्होंने उसे रास्ते से हटा दी। मध्य प्रदेश के मंडला जिले में हुई सनसनीखेज ट्रिपल मर्डर मिस्ट्री से पर्दा हट गया है। दो भतीजों ने अपने सगे बड़े पिता और बड़ी माता के साथ - साथ अपनी भतीजी को भी जादू - टोने के शक में क़त्ल कर दिया। आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले के ग्राम पातादेई थाना मोहगांव में घर की छत पर नर्मद सिंह वरकड़े उनकी पत्नी सुकरती बाई और 12 वर्षीय पोती कुमारी महिमा की धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी गई थी। हथियारों ने सुकरती बाई का सर धड़ से अलग कर अपने साथ ले गए थे। महिला का कटा हुआ सिर उसके ही खेत जो की घर से लगभग 700-800 मीटर है आम के पेड में टंगा हुआ मिला था। पुलिस ने इस अंधे क़त्ल की गुत्थी को सुलझा लिया है। पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह राजपूत की माने तो जादू - टोना के शक में इस वारदात को अंजाम दिया गया है। दरअसल मृतक सुकरती बाई को भाव आते थे। भाव में वो कुछ भी बोल देती थी। इस मामले के एक आरोपी मोतीलाल के पिता देवसिंह वरकडे़ की मृत्यु हो चुकी है। मृतिका सुकरती बाई कहा करती थी कि उसे मैंने मार दिया। इसी तरह मामले के दूसरे आरोपी खेतु वरकड़े के पिता देवलाल वरकडे़ को लकवा लग गया। लकवा लगने को भी वह कहती थी कि मैंने कर दिया। इसी तरह उसने इनके एक्सीडेंट की बात कही। इन्हे लगने लगा कि वो उन्हें नुकसान पहुंचा रही है और वो इनके बारे में जो भी बुरा कहती है वो हो जाता है। इसी वजह से उन्होंने इस जघन वारदात को दे दिया। सुकरती बाई के पति नर्मद सिंह की हत्या इसलिये कर दी कि वो अपनी पत्नी की मदद किया करते थे। आरोपियों ने अपनी भतीजी कुमारी महिमा बरकड़े की हत्या इसलिए कर दी क्यूंकि उसकी माँ की मृत्यु उसके जन्म के वक़्त ही हो गई थी। तो उसकी दादी सुकरती बाई ने ही उसको दूध पिलाया। आरोपियों को लगता था कि महिमा में भी अपनी दादी की तरह हो रही है जो आगे चलकर घातक हो सकती है इसलिए उन्होंने इसको भी मौत के घाट उतार दिया। आरोपियों ने सुकरती बाई बाई का सर काटकर पेड़ में लटकाने की वजह भी पुलिस को बताई। पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह राजपूत ने बताया कि आरोपियों ने बताया कि उन्होंने उसका सर काटकाट पेड़ पर इसलिए लटकाया था ताकि लोगों का डर दूर हो। इसके अलावा जो लोग ऐसा काम कर रहे है वो भी सुधर जाए नहीं तो उनका अंजाम भी ऐसा ही होगा। दोनों चचेरे भाइयों ने आपस में सलाह कर इस वारदात को अंजाम दिया। उन्होंने पहले देखा कि छत पर कौन - कौन सोने जा रहा है। रात में गाँव में ही एक शादी थी। आरोपियों ने शादी की चहल - पहल खत्म हों एक इन्तिज़ार किया। सब पूरा गाँव सूनसान हो गया तो वे छत पर चढ़े और इस घटना को अंजाम देकर अपने घर चले गए। घटना के बाद पुलिस ने जब आसपास के घरों में लोगों से बात कर सुराग खोज रही थी तो उसे पता चला कि रात में मोतीलाल घर से गया था और सुबह 5 बजे वापस आया है। पुलिस जब उनके घर पहुंचे तो एक कपडे में खून के निशान मिले। पुलिस ने जब कपड़ों की तलाशी ली तो उसके जेब में सर्जिकल डिस्पोसएबल ग्लोव्स का पैकेट मिला। जब पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूंछताछ की तो सारा मामला साफ़ हो गया।