भोपाल । होली के त्योहार में राजधानी भोपाल में दूध की खपत अचानक बढ़ जाती है। ऐसे में मिलावटी दूध के बाजार में बिकने की आशंका बढ़ जाती है। इसको देखते हुए खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। जिला खाद्य अधिकारी ने शहर में बड़ी संख्या में मुखबिर तैयार किए हैं, जो नकली दूध-मावा और मिलावट करने वालों की सूचना विभाग को देंगे।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन का अब दूध, मावा और पनीर पर नजर बनाएं हुए हैं। अब त्योहारी सीजन में पूरी राजधानी में खासतौर पर बाहर से आने वाले दूध उत्पादों पर नजर रखी जाएगी। इसके अतिरिक्त मावा, पनीर को भी रोका जाएगा।

राजधानी में अब नकली दूध-मावा और उनसे बने उत्पादों पर रोक लगाने के लिए खाद्य सुरक्षा प्रशासन मुखबिरों का बड़ा जाल तैयार किया है। राजधानी में एक-दो नहीं बल्कि 140 लोगों का मुखबिर तंत्र विकसित किया गया है, जो खाद्य सुरक्षा विभाग को बाहर से आने वाले मिलावटी खाद्य सामग्री की सूचना देंगे। खाद्य सुरक्षा प्रशासन कार्यालय में सूचना को दर्ज कर खाद्य सुरक्षा अधिकारी संबंधितों के खिलाफ छापामार कार्रवाई करेंगे। अधिकारियों का मानना है कि मुखबिर तंत्र की सहायता से उन मिलावटखोरों तक आसानी से पहुंच सकेंगे, जिनकी सूचना देरी से मिलने के कारण कार्रवाई नहीं हो पा रही थी।
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने जिन लोगों को मुखबिर बनाया है, वे सभी शहर के अलग-अलग स्थानों में सामाजिक दायित्व के तहत विभाग को मदद करेंगे। इनके सक्रिय होने से कार्रवाई की संख्या बढ़ सकेगी। वहीं बाहर से आने वाले दूध-मावा और उनसे बनी सामग्री पर भी विशेष नजर रखी जा सकेगी। बता दें कि राजधानी में खुले और पैकेट वाले दूध की प्रतिदिन करीब 10 लाख लीटर खपत होती है। यही खपत त्योहारी सीजन में बढक़र 11 लाख लीटर तक पहुंच जाती है।