नई दिल्ली। देश में एक ऐसा मंदिर हैं, जिसके पास करीब तीन लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है। आप इसका अनुमान इससे लगा सकते हैं कि टाटा मोटर्स और टाटा स्टील की बाजार पूंजी क्रमशः2.63 लाख करोड़ और 1.71 लाख करोड़ रुपये है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं दुनिया में प्रसिद्ध तिरुमला तिरुपति देवस्थानम की। इस मंदिर में हर दिन लगभग तीन से चार करोड़ रुपये का चढ़ावा हुंडी के जरिए आता है। मंदिर की मासिक आय 100 करोड़ से ज्यादा है। 2023 में तिरुमाला मंदिर को हुंडी के जरिए 1398 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। यह रकम भक्तों द्वारा सिर्फ हुंडी के जरिए समर्पित राशि है। मंदिर के पास आय के कई अन्य साधन भी हैं। 
दरअसल तिरुमाला तिरुपति ने सन 2022 में एक श्वेत पत्र जारी किया था। इस श्वेत पत्र के अनुसार तिरुमला देवस्थानम की कुल संपत्ति 2.5 लाख करोड़ रुपये थी। श्वेत पत्र को जारी हुए 14 महीने हो चुके हैं। मौजूदा समय में अनुमान लगाया जा सकता है कि तिरुमाला की कुल संपत्ति करीब 3 लाख करोड़ रुपये है। तिरुमला की संपत्ति भारतीय शेयर बाजार में सूचीबद्ध कई प्रमुख कंपनियों के बाजार पूंजीकरण से भी अधिक है। 
तिरुमाला की आय सचिन और कोहली की वार्षिक आय से भी अधिक है। जानकारी के मुताबिक सचिन की सालाना आय 1300 करोड़ रुपये के करीब है, वहीं कोहली की सालाना आय 1000 करोड़ रुपये है। भक्त इस मंदिर में उपहार भी भेंट करते हैं।  इनके अलावा भक्तों द्वारा मुंडन करवाया जाता है। उनके केश बेचे जाते हैं। इससे भी मंदिर को आय होती है। फिक्स्ड डिपॉजिट पर भी ब्याज मिलता है। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा संचालित कई ट्रस्टों को भक्त सालाना करोड़ों का दान देते हैं। 
मंदिर की संपत्ति के अनुसार तिरुमला के पास 11,225 किलोग्राम सोना है। यह बैंकों में जमा है। 17,816 करोड़ रुपये की नकदी भी बैंक में जमा है। इन जमाओं पर अर्जित ब्याज को अन्य आय के रूप में दिखाया जाता है। तिरुमला में भगवान को सजाने के लिए इस्तेमाल किए गए सोने के आभूषणों का वजन 1.2 टन है। यहां 10 टन चांदी के आभूषण भी हैं। 
अचल संपत्तियों में टीटीडी के अंतर्गत 6000 एकड़ वन क्षेत्र है। टीटीडी के पास 75 क्षेत्रों में 7636 एकड़ जमीन प्लॉट्स के रूप में हैं। इसमें कृषि भूमि 1226 एकड़ और गैर कृषि भूमि 6409 एकड़ है। देशभर में टीटीडी से संबद्ध 71 मंदिर हैं।  टीटीडी के पास 535 अन्य संपत्तियां हैं। 159 संपत्तियों को पट्टे पर दिया गया है।  इससे हर साल 4 करोड़ से ज्यादा की आमदनी होती है। इसके अलावा टीटीडी अभी 69 संपत्तियों को पट्टे पर देने के लिए काम कर रहा है। टीटीडी के पास 307 क्षेत्रों में कल्याण मंडप (मैरेज हॉल) हैं। इसमें से 29 कल्याण मंडप देवादय विभाग को और 166 मंडप अन्य को पट्टे पर दिए गए हैं। इनसे सालाना 4 करोड़ से ज्यादा की आय हो रही है। वहीं टीटीडी स्वयं 97 कल्याण मंडपों की देखरेख कर रहा है। टीटीडी ने श्रीवाणी ट्रस्ट के जरिए भी 1,021 करोड़ रुपये अर्जित किए हैं।