बिलासपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के मार्गदर्शन में तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, धमतरी के निर्देशन में के.एल.चरयाणी में जिला न्यायालय नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के द्वारा माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर प्रात: किया गया ।
नेशनल लोक अदालत का निरीक्षण न्यायमूर्ति के द्वारा न्यायालय परिसर में गठित खण्डपीठों का निरीक्षण करते हुए उपस्थित पक्षकारों से रू-ब-रू हुये तथा नेशनल लोक अदालत से संबधित कार्यो का जायजा लिया गया। निरीक्षण के दौरान  न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी के साथ के.एल.चरयाणी जिला एवं सत्र न्यायाधीश धमतरी, आनन्द वारियाल सदस्य सचिव छग राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं अन्य पदाधिकारीगण, न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण उपस्थित रहे।  न्यायमूर्ति द्वारा लोक अदालत की महत्ता को बताते हुए कहा गया कि लोक अदालत में प्रकरण के निपटारे का अनुपात छत्तीसगढ़ राज्य में बहुत अच्छा है। लोक अदालत में दोनों पक्षकार खुश रहते हैं तथा राजीनामा होने से प्रकरण का शीघ्र निपटारा हो जाता है, इसमें न तो किसी की हार होती है और न ही किसी की जीत होती है। नेशनल लोक अदालत में कुल 1023 न्यायालयीन प्रकरण तथा कुल 1526 प्री-लिटिगेशन प्रकरण निराकृत हुए जिनमें कुल समझौता राशि 1,76,58,558 रूपये रहा ।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश के.एल.चरयाणी के न्यायालय में आज मोटर दुर्घटना दावा के प्रकरण नेशनल लोक अदालत में राजीनामा के आधार पर निराकृत किया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार आवेदक ने अनावेदक के विरूद्ध मोटरयान अधिनियम के तहत 77 लाख रूपये का दावा पेश किया था। घटना में आवेदक के पतिध्पिता की मृत्यु वर्ष 2022 में मोटर दुर्घटना में हो गयी थी, जिसकी सुनवाई लगातार हो रही थी। इसमें न्यायालय द्वारा प्रारंभ से ही आपसी राजीनामा के आधार पर प्रकरण के निराकरण के लिए प्रयास किया जाता है। न्यायालय द्वारा आवेदक एवं अनावेदकों की पक्षकारों को राजीनामा का लाभ का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करते हुए समझाने का प्रयास किया गया है और अनावेदक ने आज नेशनल लोक अदालत में आवेदक को 17 लाख रूपये दावा राशि प्रदाय करने की सहमति प्रदान की। जिला एवं सत्र न्यायालय द्वारा प्रीसिटंग कराकर नेशनल लोक अदालत में राजीनामा कराया गया और उक्त राजीनामा से आवेदक एवं अनावेदक के मध्य विवाद समाप्त हो गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका का वर्ष 2022 में वाहन दुर्घटना से चोट आई थी। आवेदिका ने अनावेदक के विरूद्ध शारीरिक चोट में आयी खर्च एवं क्षतिपूर्ति के लिए चार लाख रूपये का दावा प्रस्तुत किया था, जिसकी सुनवाई लगातार हो रही थी। आज नेशनल लोक अदालत में आवेदिका उपस्थित नहीं थीं, किन्तु हाइब्रिड नेशनल लोक अदालत के अधीन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आवेदिका से सम्पर्क किया गया और पुन: आवेदिका और अनावेदक को आपसी राजीनामा हेतु समझाईश एवं लाभ के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया। इस पर आवेदिका और अनावेदक के मध्य 30 हजार रूपये की दावा राशि पर सहमति हुई और प्रकरण निराकृत हो गया।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग और वन विभाग द्वारा स्टॉल लगाये गये थे। न्यायमूर्तिभादुड़ी ने स्टॉल का निरीक्षण कर विभागों द्वारा संचालित योजनाओं और गतिविधियां की जानकारी ली तथा हितग्राहियों को चेक का वितरण किया। इसमें संगीता नागरची को 80 हजार रूपये, सीता यादव को दो लाख रूपये और समाज कल्याण विभाग की ओर से अस्थिबाधित तामेश्वरी निर्मलकर 50 हजार रूपये का चेक प्रदाय किया।